एनएमएचसी परियोजना प्रगति समीक्षा की अध्यक्षता करेंगे मोदी
गांधीनगर, 17 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गुजरात के लोथल में बनने वाले नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स (एनएमएचसी) परियोजना की प्रगति समीक्षा की अध्यक्षता करेंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार लोथल दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता के पुरातात्विक अवशेषों की उपस्थिति के लिए प्रसिद्ध है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी लोथल से इस बैठक में शामिल होंगे। उनके साथ केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया और पर्यटन, बंदरगाह जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक भी उपस्थित रहेंगे।
श्री मोदी ने एनएमएचसी की आधारशिला रखी थी और 2019 में इस मास्टर प्लान को उन्होंने अनुमोदित किया था। 3500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह परिसर सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर समकालीन समय तक भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास को प्रदर्शित करेगा। उल्लेखनीय है कि 1955 से 1960 के बीच खुदाई के दौरान लोथल में एक प्राचीन बंदरगाह शहर की खोज की गई थी जो सिंधु घाटी सभ्यता से भी पहले की थी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार बाहरी बुनियादी ढांचा जैसे एसएच1 से एनएमएचसी स्थल तक चार लेन 11.58 किलोमीटर सड़क को बनाने, जल आपूर्ति प्रदान करने और 66 केवी बिजली की आपूर्ति जैसी व्यवस्थाएँ कर इस परियोजना को प्राथमिकता के साथ तेजी से पूरा करने में अपना योगदान दे रही है।
इस परियोजना को दो चरण में पूरा किया जाएगा। चरण-1-ए के तहत पांच दीर्घाओं के साथ संग्रहालय भवन परिसर, नौसेना गैलरी, और 35 एकड़ में इस परियोजना से संबंधित दूसरे विकास कार्यों को संपादित किया जाएगा। इसे ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) मोड के तहत 774.23 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। चरण1-बी में बैलेंस गैलरी, एक लाइटहाउस और 5-डी डोम थिएटर जैसे आकर्षकों को जोड़ा जाएगा। वहीं चरण दो के तहत स्टेट्स पवेलियन, लोथल सिटी, मैरीटाइम इंस्टीट्यूट सहित हॉस्टल का निर्माण, इको-रिसॉर्ट्स, क्लाइमेट चेंज थीम पार्क, मॉन्यूमेंट थीम पार्क और एडवेंचर एंड एम्यूजमेंट पार्क को विकसित किया जाएगा।
आने वाले समय में लोथल को पर्यटकों के लिए एक नए अंतरराष्ट्रीय गंतव्य के रूप में विकसित किए जाने की योजना है जिसके बाद यह विश्व के प्रसिद्ध संग्रहालयों की श्रेणी में से एक हो जाएगा। लोथल को अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने से यहाँ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी काफी प्रोत्साहन मिलेगा जिसका असर इसके आसपास स्थित गाँवों की अर्थव्यवस्था और लोगों की समृद्धि पर भी पड़ेगा।