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देश को मजबूत बनाने के लिए हर दृष्टि से है अनुकूल वातावरण: तोमर

नयी दिल्ली 03 नवंबर : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश सकारात्मक बदलाव की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस दिशा में हम सबको मिलकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

श्री तोमर ने यह बात गुरुवार को प्रगति मैदान में इंडिया केम-2022 में कही। केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक मंत्रालय और फिक्की द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में श्री तोमर ने कहा कि देश के समस्त क्षेत्रों में समन्वय से हम सब निश्चित अवधि में अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। सरकार, किसान, इंडस्ट्री सभी का एक ही उद्देश्य है कि हमारे काम के सकारात्मक परिणाम आएं। यहीं भावना एक-दूसरे को और देश को आगे बढ़ाने में भी मदद कर सकती है।

उन्होंने कहा कि कोविड की मार से दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अभी तक नहीं उबर पाई हैं, लेकिन आज हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है। इसका कारण समय पर उठाए गए जरूरी कदम हैं। केंद्र सरकार ने एमएसएमई सहित अन्य इंडस्ट्री के लिए तथा खेती-किसानी और आम गरीब आदमी के लिए भी एक के बाद एक अनेक प्रयत्न किए। समय पर वैक्सीन बनाने, पीएलआई जैसी स्कीम सहित अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए कार्य किए गए।

श्री तोमर ने कृषि की प्रधानता के संदर्भ में कहा कि किसी भी व्यक्ति का और देश का मूल पिंड कभी नहीं बदलता है। हमें आगे बढऩा है तो मूल पिंड को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। अपनी प्रधानता को पहनान कर उसे मजबूत बनाएंगे तो देश भी मजबूत बनेगा। कृषि, देश का व्यापक क्षेत्र है और कृषि अर्थव्यवस्था भारत की ताकत भी है। कृषि फायदे में हो, उत्पादन-उत्पादकता बढ़े, केमिकल-फर्टिलाइजर का समुचित उपयोग हो, इसके लिए जागरूकता आए, सॉइल हेल्थ के प्रति जागरूकता बढ़े, यह सब कृषि के विकास के लिए जरूरी है। एक समय था जब खेती के बारे में खाद-बीज की उपलब्धता या सिंचाई के साधन खड़े करने तक ही विचार किया जाता था। बीज वाला बीज की सोचता था, फर्टिलाइजर (उर्वरक) वाला अपना फायदा देखता था, हमेशा एकांकी विचार किया जाता था, समुच्चय विचार का अभाव था, लेकिन अब किसी भी सेक्टर के बारे में जब विचार हो तो समग्र रूप से विचार करने की जरूरत है। जब ऐसा होता है तो इसका फायदा सभी को मिलता है। किसानों को फायदा मिलेगा और देश को भी ।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेस्टीसाइड को लेकर पंजीकरण संबंधी जो समस्याएं थी, विचार-विमर्श और समीक्षा के बाद उसमें सुधार किए गए। सरकार लगातार कोशिश कर रही हैं कि इस प्रकार की जितनी भी बाधाएं-समस्याएं हैं, वे दूर हों। ईज ऑफ डूइंग पर सरकार का जोर है, यह हम सब जानते हैं। इंडस्ट्री की जितनी बाधाएं हैं, इस सम्मेलन के विचार-विमर्श में जो निष्कर्ष आएंगे, उनके निराकरण के लिए हम प्रयास करेंगे।

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