पीडीपी नेता हक खान का इस्तीफा
श्रीनगर 06 नवंबर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद एक और झटका लगा है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और पीडीपी के वरिष्ठ नेता 69 वर्षीय खान ने सक्रिय राजनीति से बाहर निकलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह यह कहना चाहेंगे कि उनका दिल वर्तमान में स्वास्थ्य कारणों और पारिवारिक मुद्दों के कारण किसी भी राजनीतिक माहौल को स्वीकार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा,“मैं फिलहाल पूरी तरह आराम करना चाहता हूं।”
उन्होंने कहा,“पिछले तीन वर्षों से मैं स्वास्थ्य, अन्य कारणों से राजनीतिक मामलों से बाहर हूं और मुझे राजनीति में अपने लिए कोई जगह नहीं मिली जहां मैं योगदान दे सकूं।” उन्होंने कहा कि इन तीन वर्षों के दौरान वह सिर्फ मेरे मूल स्थान पर अपने लोगों के संपर्क में रहने और पार्टी के कार्यकर्ताओं को देखने के लिए सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे थे।
उन्होंने कहा,“मैं लोलाब निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया और मैंने भी एक विधायक और मंत्री के रूप में लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया तथा इसके लिए मैं अपने योगदान से बहुत संतुष्ट हूं।” उन्होंने कहा,“भविष्य को लेकर अभी तक मेरी कोई योजना नहीं है।”
श्री खान एक कश्मीरी राजनेता, वकील, और पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के तहत ग्रामीण विकास विभाग व पंचायती राज के पूर्व मंत्री हैं। श्री खान 2008 और 2014 में सीमांत कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे।
लोलाब में जन्मे श्री खान लॉ ग्रेजुएट हैं और उन्होंने 1974 में श्री प्रताप कॉलेज के छात्र के रूप में सामाजिक गतिविधियों की शुरुआत की थी। उन्होंने 1983 में राजनीति में कदम रखा और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए। वर्ष 2002 में उन्होंने एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और बाद में 2003 में पीडीपी में शामिल हो गए।
वह मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती की सरकारों के दौरान भी मंत्री रहे थे।