राजस्थान

स्टार्टअप जयपुर चक्की का ‘फार्म टू फैमिली’ मॉडल लोगों को आने लगा रास

जयपुर 27 दिसंबर : राजस्थान की राजधानी जयपुर में ई-कॉमर्स स्टार्टअप जयपुर चक्की का “फार्म टू फैमिली” मॉडल अब लोगों को काफी रास आने लगा हैं और कंपनी अब वर्ष 2024 तक देश भर के शीर्ष बीस शहरों में पांच सौ से अधिक अपने स्टोर खोलने का लक्ष्य लेकर चल रही है वहीं कंपनी ने बाड़मेर के एक प्रगतिशील किसान को अपने मैनेजमेंट बोर्ड टीम का हिस्सा बनाया हैं।

जयपुर चक्की के सह संस्थापक मनोज मारू ने बताया कि जयपुर में कार्य करने के बाद कंपनी का देश भर के शीर्ष 20 शहरों में 500 से अधिक स्टोरों के साथ वर्ष 2024 तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का लक्ष्य है। श्री मारु ने बताया कि विस्तार योजना के तहत जयपुर चक्की ने अहमदाबाद में परिचालन शुरू कर दिया है और जल्द ही बेंगलुरु, गुड़गांव, सूरत और चंडीगढ़ में अपने अगले स्टोर खोल रही है।

जयपुर चक्की के संस्थापक विष्णु उपाध्याय ने बताया कि राजस्थान के सीमांत बाड़मेर के प्रगतिशील किसान विक्रम सिंह तारातरा को अपने मैनेजमेंट बोर्ड टीम का हिस्सा बनाकर कंपनी ने देश में एक नई मिसाल कायम करने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है। किसान विक्रम सिंह ने प्रतिष्ठित ज़ेटा फार्म (जयपुर स्थित एग्रोटेक स्टार्टअप) के साथ मिलकर आसपास के गाँवों की महिला किसानों को प्रशिक्षित करके एक टीम बनाई जो वैज्ञानिक खेती प्रक्रिया के साथ उत्पादन कर सके।
उन्होंने बताया कि कस्टमर को शुद्ध और क्वालिटी देने के लिए कच्चे माल की क्वालिटी और गुणवत्ता बहुत जरूरी है और कंपनी “फार्म टू फैमिली” कांसेप्ट पर फार्म से माल सीधा खरीदकर कस्टमर तक पहुंचाना चाहती है ताकि ग्राहक को ताज़ा और शुद्ध सामान उचित मूल्यों पर मिल सके| गेंहू और अनाज की गुणवत्ता जानने वाले किसान को जोड़ने से हमारे ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद देने के लिए हमारे खरीद निर्णयों में खरापन आएगा।

जयपुर चक्की स्टेपल्ड फूड में एक स्टार्टअप है जो ताजा और शुद्ध आटे , मसाले की चौबीस घंटे में उपभोक्ता के घर पहुंचाता है और अब कंपनी अन्य खाध्य सामग्री (कच्ची घानी तेल, दालें, चावल, अनाज, दलिया, बेसन, चाय, पोहा आदि) भी शुरू करने जा रही है। जयपुर चक्की ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से ग्राहक तक पहुंच रहा है।

श्री उपाध्याय ने कहा, “भारत में आज भी लोग चक्की में पीसा आटा खाना चाहते है परन्तु बड़े शहरों में इस तरह का आटा आसानी से उपलब्ध नहीं है। पारंपरिक चक्की स्टोर का हाइजीन लेवल कम होना, होम डिलीवरी सिस्टम का नहीं होना और आटे की सीमित रेंज, इनको नई पीढ़ियों से दूर करता जा रहा है। भाग दौड़ की जिंदगी में बाज़ार में उपलब्ध पैक्ड आटे खरीदकर हम स्वास्थ्य से खिलवाड़ भी कर रहे है।

किसान विक्रम सिंह तारातरा ने कहा, “मैं खेती के नए विचारों में विश्वास करता हूं। मैं शुरू से ही अपने गांव में खेती-किसानी की नई-नई तकनीकों का ज्ञान लेकर आता रहा हूं। सर्वोत्तम वैज्ञानिक प्रथाओं और उचित प्रशिक्षण के साथ, हम किसानों की आय को दोगुना करने के अवसरों को बढ़ा सकते हैं। जयपुर चक्की के साथ जुड़ने से हमें अपने गांव के किसानों के लिए आपूर्ति भागीदार, खेत से परिवार तक संपर्क, बेहतर आय स्रोत, बाजार ज्ञान आदि लाने में मदद मिलेगी और अंततः ‘फार्म टू फैमिली’ का लक्ष्य वास्तविक अर्थों में पर्याप्त होगा।”

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