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भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग व्यापार समझौता लागू हुआ

मुंबई, 29 दिसंबर : भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग व्यापार समझौता (भारत-आस्ट्रेलिया एकता) गुरुवार से प्रभावी होने के अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस समझौते के आधार पर द्विपक्षीय व्यापार बढ़ने से भारत में अतिरिक्त 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ऑस्ट्रेलिया भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है।

श्री गोयल ने कहा कि इस समझौते से भारतीय योग शिक्षकों और रसोइयों को आस्ट्रेलिया में काम करने के लिए वार्षिक वीज़ा कोटा का भी लाभ होगा। इसके अंतर्गत अध्ययन के बाद के कार्य वीजा के प्रावधान से वहां पढ़ाई के लिए जाने वाले एक लाख से अधिक भारतीय युवाओं को लाभ होगा।

इस वर्ष पहली मई को भारत यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के लागू होने के बाद यह इस वर्ष लागू हुआ इस तरह का दूसरा समझौता है। आस्ट्रेलिया के साथ समझौता इस वर्ष दो अप्रैल को हुआ था। गत 21 नवंबर को इसका अनुसमर्थन किए जाने के बाद 29 नवंबर को दोनों पक्षों ने लिखित सूचनाओं का आदान-प्रदान किया था।

श्री गोयल ने आज मुंबई में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि समझौते पर बातचीत बहुत तेजी से और बहुत अच्छी तरह सम्पन्न की गयी । उन्होंने आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ब्रेट ली और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर से इसकी तुलना करते हुए कहा, “इस समझौते के लिए ब्रेट ली की गति और सचिन तेंदुलकर की पूर्णता के साथ बातचीत की गई है।”

उद्योग मंत्री ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया बड़े पैमाने पर कच्चे माल और मध्यवर्ती उत्पाद बनाने वाला देश है। वहां से हमें सस्ता कच्चा माल मिलेगा जो न केवल हमें विश्व स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बना देगा बल्कि हमें सक्षम भी करेगा।”

उन्होंने कहा कि इससे आस्ट्रेलिया को भारत से कम लागत पर तैयार माल का फायदा होगा।

श्री गोयल ने कहा कि इस समझौते के बाद आईटी सेवाओं पर दोहरा कराधान का मुद्दा पहली अप्रैल से खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दोहरे कराधान के खत्म होने से अभी हमें लाखों और करोड़ों डॉलर और पाच से सात साल आगे चल कर सालाना एक अरब डालर की बचत होगी।

इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया ने अपने यहां आयात होने वाले सभी प्रकार के उत्पादों में से 98.3 प्रतिशत पर शुल्क पहले दिन से शून्य कर दिया है तथा शेष 1.7 प्रतिशत पर धीरे-धीरे पांच वर्षों में भारत को शून्य शुल्क पर निर्यात करने का लाभी मिलने लगेगा।

भारत अपने यहां आयात होने वाले उत्पादों में से 70.3 प्रतिशत के लिए ऑस्ट्रेलिया को शून्य-शुल्क पर प्रवेश देगा। इनमें से 40.3 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क पहले दिन से और शेष 30 पर चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। भारत ने कोयले, एल्यूमिना कैलक्लाइंड, मैंगनीज अयस्क, कॉपर कॉन्संट्रेट, बॉक्साइट, भेड़ का मांस, रॉक लॉबस्टर, मैकाडामिया नट्स, चेरी और ऊन पर शून्य शुल्क पहुंच की पेशकश की है।

उद्योगमंडल सीआईआई ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया से स्टील और एल्युमीनियम सहित कई क्षेत्रों को सस्ता कच्चा माल उपलब्ध कराने के अलावा, ईसीटीए ऑस्ट्रेलिया से निवेश बढ़ाने की सुविधा भी देगा और भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की मदद करेगा।

भारत के लिए श्रम-गहन क्षेत्रों के उत्पादों में फायदा होगा जिन पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार-पांच प्रतिशत का शुल्क लगता है। इनमें कपड़ा और परिधान, चमड़ा और जूते, फर्नीचर, खेल के सामान, आभूषण, मशीनरी, रेलवे वैगन और चुनिंदा कृषि और समुद्री उत्पाद तत्काल लाभान्वित होंगे।

कोलकाता में भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवधन परिषद (ईईपीसी) के क्षेत्रीय निदेशक बी डी अग्रवाल ने भी कहा कि आस्ट्रेलिया के साथ उदार व्यापार के समझौते से स्टील, एल्युमिनियम और अन्य क्षेत्रों को मिलाकर पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार 45-50 अरब डालर तक पहुंच जाएगा।

दोनों पक्ष इस समझौते के तहत फार्मास्युटिकल उत्पादों पर एक अलग अनुबंध पर भी सहमत हुए हैं, जो पेटेंट, जेनेरिक और बायोसिमिलर दवाओं के लिए फास्ट-ट्रैक अनुमोदन को सक्षम करेगा।

अनुमान है कि भारत-आस्ट्रेलिया व्यापार समझौते के तहत भारत में अतिरिक्त 10 लाख नौकरियां सृजित होंगी। इसके तहत अब भारतीय योग शिक्षक और रसोइयां वार्षिक वीज़ा कोटा के तहत आस्ट्रेलिया जा सकते हैं। इसी तरह समझौते के तहत एक लाख से अधिक भारतीय विद्यार्थियों को अध्ययन के बाद के 18 महीने से चार साल तक की अवधि का कार्य वीजा का लाभ मिलेगा।

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