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सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए की संवैधानिक वैधता बरकरार रखा
नयी दिल्ली, 27 जुलाई : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने वाला फैसला सुनाया।
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर , न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने इस कानून को चुनौती देने वाली 241 याचिकाओं की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया।
शीर्ष अदालत ने आरोपी की गिरफ्तारी, तलाशी, कुर्की जब्ती अधिकार समेत कई प्रावधानों को उचित ठहराया है।
पीठ ने हालांकि, कहा कि वर्ष 2019 में संसद द्वारा पीएमएलए में संशोधन को (धन विधेयक के रूप में लागू करने को चुनौती देने के मामले में ) सात न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ द्वारा निर्णय लिया जाना है। यह मामला पहले ही उस पीठ के समक्ष लंबित है।”