राजस्थान

चंबल का पानी अलवर लाने की योजना को दिया जा रहा है अंतिम रूप

अलवर 19 जनवरी : राजस्थान में अलवर जिले सहित भरतपुर और धौलपुर जिले के लोगों की पानी की प्यास बुझाने के लिए चंबल का पानी लाने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सब कुछ सही हुआ तो आगामी दो साल में चंबल का पानी अलवर तक पहुंच जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार है और स्वीकृति मिल गई तो अलवर के 882 गांव पानी की समस्या से मुक्त होंगे। इसके लिए जलदाय विभाग के एनसीआर परियोजना के तहत 5685 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई है जो स्वीकृति के लिए भेजी जा रही है।

हालांकि इस साल गर्मी के दिनों में पानी सिलीसेढ़ या चंबल से लाने की योजना मूर्त रूप ना ले लेकिन अगले साल गर्मियों तक अगर सही चलता रहा तो चंबल के पानी से अलवर जिले सहित तीन जिलों के लोगों की पानी की प्यास बुझाई जा सकेगी। अलवर शहर के लिए सिलीसेढ़ का पानी भी लाने की तैयारी है।

अधीक्षण अभियंता एनसीआर कैलाश चंद मीणा ने बताया कि गर्मी में पानी के इंतजाम के लिए बेहद स्तर पर प्रपोजल तैयार किए गए हैं । अलवर शहर को दो भागों में बांटा गया है एक तो चंबल का पानी और ईशरदा नोरेदा बांध से पानी लाने का प्रस्ताव है। चंबल का पानी अलवर सहित भरतपुर धौलपुर के लिए 5685 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई है जिसे स्वीकृति के लिए भेजना है। अलवर में नीमराणा ,बहरोड, तिजारा, बानसूर, मुंडावर, कोटकासिम ,रामगढ़ और बानसूर ब्लॉक को शामिल किया गया है इसके अलावा 6 टाउन बहरोड, कोटकासिम ,किशनगढ़, मुंडावर, नीमराना ,तिजारा को शामिल किया गया है।

चंबल का पानी 3 जिलों में लाने से 2237 गांव को फायदा होगा जिनमें अलवर जिले के 882 गांव शामिल है और बाकी के गांव धौलपुर और भरतपुर में है। इसके लिए एक हजार आठ टंकियां बनाई जाएंगी। चंबल नदी पर ही पानी की डिग्गी तैयार होगी जिसमें 9 महीने पानी को रिजर्व कर 3 महीने अलवर लाया जाएगा। जिसमें एक फिल्टर प्लांट भी लगाया जाएगा। यह 330 एमएलडी का होगा ।इसके अलावा 611 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन लगेगी ।2047 किलोमीटर राइजिंग लाइन तैयार की जाएगी इसके। अलावा 278000 कनेक्शन जारी किए जाएंगे। हालांकि 2805 सिंगल विलेज गांव में कनेक्शन स्वीकृत किए गए हैं बाकी के लिए चंबल का पानी लाने के बाद कनेक्शन जारी होंगे।

इसरता डैम से शेष बचे ब्लॉक कठूमर, रेनी, राजगढ़, लक्ष्मणगढ़, थानागाजी, उमरेन और नारायणपुर और अलवर शहर से जोड़ा जाएगा। इसरोता डैम के लिए भी डीपीआर तकनीकी कारणों से अटकी पड़ी है। नोनेदा बांध से डीपीआर तैयार करने के लिए नेप सेम को आदेश दिया गया है जो वाटर रिजर्व का प्रोजेक्ट तैयार होगा।

इसके अलावा सिलीसेढ़ अलवर शहर में पानी लाने की स्कीम का प्रपोजल भी तैयार किया जा रहा है जिस पर 37 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सिलीसेढ़ के सरप्लस पानी को अलवर लाया जाएगा। सिलीसेढ़ से 4 महीने पानी अलवर शहर के लिए लिया जाएगा उन्होंने बताया कि इन गर्मियों में तो नहीं अगली गर्मियों में पानी से जरूर पानी की समस्या से जरूर राहत मिलेगी।
यहां उल्लेखनीय है कि चंबल का पानी से अलवर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए विगत 10 साल से मामला चल रहा है हर चुनाव आने से पहले यही मुद्दा प्रमुखता से बनता है। इसके लिए विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे सरकारों पर आरोप लगाती हैं लेकिन समस्या का हल आज तक नहीं हुआ है। यहां तक कि गर्मियों के साथ-साथ सर्दियों में भी अलवर शहर में पानी की समस्या बढ़ती जा रही है और ग्रामीण लोगों को भूजल स्तर भी बहुत नीचे जा रहा है।

Related Articles

Back to top button