राजस्थान सौर ऊर्जा पम्प स्थापना में देश में प्रथम
जयपुर, 23 जनवरी : राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापित करने की पहल के कारण देश में प्रदेश एक मॉडल स्टेट बन चुका है और राजस्थान सौर ऊर्जा पंपों की स्थापना में देश में पहले पायदान पहुंच गया है।
किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की उपलब्धता पर निर्भर नहीं रहना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा किसानों को खेतों में सोलर पंप लगाने के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। श्री गहलोत की इस पहल का ही परिणाम है कि प्रदेश के किसान सिंचाई के लिए कृषि विद्युत कनेक्शन, डीजल चलित संयंत्रों अथवा अन्य वैकल्पिक साधनों पर निर्भर होने की बजाय सौर पंप लगाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
सौर पंपों का खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग होने से जहां किसानों की बिजली पर निर्भरता कम हुई है, वहीं प्रदेश में हरित ऊर्जा के रूप में सौर ऊर्जा के प्रयोग को भी बढ़ावा मिला है। सिंचाई में सुविधा होने से खेतों में उपज बढ़ी है और किसानों का विद्युत खर्च भी कम हुआ है, जिससे किसानों की आय में भी इजाफा हुआ है और वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुए हैं।
कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि कृषकों को सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापना करने पर इकाई की लागत का 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 45 हजार रुपये का अतिरिक्त अनुदान तथा जनजातीय उप-योजना क्षेत्र मे अनुसूचित जनजातियों के किसानों को तीन एवं पांच एचपी क्षमता के सौर पंप संयंत्र पर शत प्रतिशत अनुदान दिये जाने का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया की सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत गत चार वर्षों में 57 हजार 657 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 982 करोड़ 95 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। वर्ष 2018-19 (दिसम्बर 2018 से) में 3 हजार 462 किसानों को 70 करोड़ 30 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 10 हजार 4 किसानों को 57 करोड़ 81 लाख रुपये का, वर्ष 2020-21 में 13 हजार 880 किसानों को 133 करोड़ 39 लाख रुपये का, वर्ष 2021-22 में 10 हजार किसानों को 320 करोड़ 41 लाख रुपये का और वर्ष 2022-23 में अब तक 20 हजार 311 किसानों को 401 करोड़ 4 लाख रुपये का अनुदान देकर लाभान्वित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा कृषि बजट घोषणा 2022-23 में आगामी 2 वर्षों में एक लाख किसानों को सोलर पम्प स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।