श्रम मंत्रालय के बाल कल्याण बजट में कमी से बालश्रम और बाल दुर्व्यापार के मामलों में हो सकती है वृद्धि
नयी दिल्ली 02 फरवरी : बाल कल्याण एवं बाल श्रम उन्मूलन से जुड़ी संस्था ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ ने वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में श्रम मंत्रालय के बाल कल्याण के लिए बजट आवंटन में की गई कमी पर चिंता जाहिर की है और कहा है कि इससे बालश्रम और बाल दुर्व्यापार के मामलों में वृद्धि हो सकती है।
‘बचपन बचाओ आंदोलन’ ने गुरुवार को यहां कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल श्रम मंत्रालय की इस मद में 33 प्रतिशत की कटौती की गई है। इस कमी के कारण संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी- 2025) तक ‘बाल श्रम मुक्त विश्व’ को हासिल करने के प्रयासों को धक्का लग सकता है। श्रम मंत्रालय के बजट में हुई इस कमी से बाल श्रम और बाल दुर्व्यापार में इजाफा हो सकता है।
आंदोलन का कहना है कि यह लगातार तीसरे साल श्रम मंत्रालय के बच्चों के कल्याण के बजट में कमी की गई है। साल 2021-22 में यह बजट 120 करोड़ रुपए था, साल 2022-23 में इसे 30 करोड़ रुपए कर दिया गया है और साल 2023-24 में यह घटकर 20 करोड़ रह गया है।
‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा कि इस साल के बजट से बच्चों के लिए और ज्यादा की उम्मीद थी।