स्त्री शिक्षा महर्षि दयानंद की प्रेरणा का प्रतिफल है: धीमान
अजमेर 13 फरवरी : राजस्थान के अजमेर में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में स्थापित दयानंद शोधपीठ के चेयर नरेश धीमान ने कहा है कि वेदों की महत्ता एवं स्त्री शिक्षा महर्षि दयानंद की प्रेरणा का प्रतिफल है।
श्री धीमान रविवार को यहां विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन स्थित उपनिषद सभागार में स्वामी दयानंद की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन का महत्वपूर्ण आधार शिक्षा है। दयानंद ने स्त्री शिक्षा का बीड़ा उठाया और तात्कालिक विषम परिस्थितियों में जालंधर में कन्या महाविद्यालय की स्थापना की और स्वदेश की कल्पना को मूर्त रूप प्रदान किया था। उनके द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश ने समाज के हर वर्ग को प्रभावित व प्रेरित किया लेकिन स्त्री शिक्षा पर दयानंद के विचार आज भी प्रासंगिक है।
कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने कहा कि स्वामी दयानंद ने समाज की जड़ता समाप्त करने का संकल्प लिया। उनके विचार हमें बीते 200 वर्षों से प्रेरित कर रहे हैं तथा आने वाले सैंकड़ों वर्षों तक प्रासंगिक रहेंगे।