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देश में 4.2 करोड़ महिलाएं एंडोमीट्रियॉसिस से पीड़‍ित

नयी दिल्ली 13 मार्च : एंडोमीट्रियॉसिस जागरूकता माह के सिलसिले में पेशेंट एकेडमी फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च ने बेयर के सहयोग से राजधानी दिल्‍ली में एंडो रन के पहले चरण का आयोजन किया गया। एंडो रन का आयोजन आम जनता को जागरूक बनाने के मकसद से किया गया है जिसके जरिए एंडोमीट्रियॉसिस से ग्रस्‍त महिलाओं और उनके परिवारों, हैल्‍थकेयर प्रदाताओं, शोधकर्ताओं तथा कार्यकर्ताओं को एकजुट किया जाएगा ताकि वे मिल-जुलकर इसके बारे में अपने सरोकारों को साझा कर सकें।

एंडो रन के आयोजन का उद्देश्‍य इस बारे में देशभर में चर्चा को प्रेरित करना भी है ताकि इससे प्रभावित लोगों और उनके परिजनों के लिए अधिक सपोर्ट तथा संसाधनों को उपलब्‍ध कराया जा सके। इस जागरूकता अभियान में करीब 150 से अधिक मरीज़ों ने हिस्‍सा लिया।
एंडोमीट्रियॉसिस एक साधारण, क्रोनिक, गाइनीकोलॉजिकल समस्‍या है जिससे दुनियाभर में 24.7 करोड़ और भारत में 4.2 करोड़ महिलाएं प्रभावित हैं। इसमें गर्भाशय की भीतरी सतह से मिलते-जुलते टिश्‍यू गर्भाशय के बाहर भी फैल जाते हैं। एंडोमीट्रियॉसिस से जूझने वाली महिलाओं को क्रोनिक पेल्विस पेन (श्रोणि क्षेत्र में लंबे समय से बना रहने वाला तकलीफदेह दर्द), थकान, अवसाद और बांझपन की समस्‍या होती है। इस स्थिति में डायग्‍नॉसिस प्राय: 6-10 वर्षों तक की देरी से हो पाता है, और यह प्रभावित महिलाओं की जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित करती है।

पेशेंट एकेडमी फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च की निदेशक डॉ़ रत्ना देवी ने कहा, ”रोग के निदान और इलाज शुरू करने में होने वाली देरी की वजह से एंडोमीट्रियॉसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाना काफी महत्‍वपूर्ण है। ज्‍यादातर महिलाएं इसकी वजह से गंभीर किस्‍म की तकलीफें सहने और अन्‍य कई लक्षणों को झेलने के लिए मजबूर होती हैं और उनकी शिकायत को या तो अनसुना कर दिया जाता है या उसे कोई तवज्‍जो नहीं दी जाती। ऐसे में, बेहतर डायग्‍नॉसिस और शीघ्र इलाज शुरू करने की बेहद जरूरत है। जो महिलाएं इस पीड़ाजनक अनुभव से गुजरती हैं, उन्‍हें इसके बारे में आपस में बातचीत करने और एक-दूसरे को सपोर्ट करने के लिए भी प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए।”

एंडोमीट्रियॉसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एंडो रन का आयोजन राजधानी दिल्‍ली स्थित क्‍नॉट प्‍लेस में किया गया। इस अवसर पर, एक कॉफी टेबल बुक भी लॉन्‍च की गई जिसमें कुछ मरीज़ों की कहानियां और डायग्‍नॉसिस के सफर के बारे में जानकारी दी गई है। इस पुस्‍तक के जरिए मरीज़ों को गाइनीकोलॉजिस्‍ट्स से संपर्क कर समय पर सही कदम उठाने के बारे में बताया गया है। यह पुस्‍तक, निश्चित रूप से महिलाओं को इस रोग के विभिन्‍न पहलुओं के बारे में इन महिलाओं की आपबीती के जरिए विस्‍तार से परिचित करवाएगी। एंडो रन के मौके पर जुबा जैसे इंटरेक्टिव सेशंस भी आयोजित किए गए ताकि महिलाओं को स्‍वस्‍थ जीवनशैली अपनाने के बारे में भी प्रेरित किया जा सके।

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