लोकसभा में हंगामे के कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
नयी दिल्ली 01 अगस्त : लोकसभा में आज भी विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहने के कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका और सदन की कार्यवाही को एक बार के स्थगन के बाद दोबारा अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
मध्याह्न 12 बजे सदन के दूसरी बार समवेत होने पर पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने की कार्यवाही शुरू की। इसबीच कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा एवं नारेबाजी शुरू कर दी।
श्री अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पुकारा जिस पर श्री प्रधान ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 को सदन के विचारार्थ प्रस्तुत किया। इसके बाद श्री अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपनी अपनी सीटों पर बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि अब तक महंगाई के मुद्दे पर चर्चा सूचीबद्ध हो गयी है तो उन्हें सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देना चाहिए।
जब पीठासीन अधिकारी की बात का विपक्षी सदस्यों पर कोई असर नहीं होता देख कर उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।
इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन के समवेत होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सबसे पहले देश तथा सदन की तरफ से राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी। इसके बाद जैसे ही उन्होंने प्रश्नकाल शुरु किया तो विपक्ष के सदस्य हंगामा करते हुए सदन के बीचों बीच आकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे।
श्री बिरला ने हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चलाने का प्रयास किया और सदस्यों से सदन की मर्यादा बनाए रखने का आग्रह रखते हुए सदन चलाने का अनुरोध किया। उन्होंने सदस्यों से कहा कि वे जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं। प्रश्नकाल के बाद उसी मुद्दे पर चर्चा की जानी है, इसलिए सदस्य अपनी सीटों पर चले जाएं लेकिन सदस्य हंगामा करते रहे।
हंगामे के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विपक्ष के सदस्य जिस मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं वह आज के एजेंडे में है और उस पर चर्चा की जाएगी। अध्यक्ष ने भी सदस्यों से आग्रह किया कि उनकी मांग के अनुसार एजेंडा तैयार किया गया है इसलिए वे अमर्यादित व्यवहार न करें और अपनी सीटों पर बैठ जाएं, लेकिन सदस्यों ने उनकी बात नहीं सुनी और हंगामा जारी रखा जिसके कारण श्री बिरला को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।