परगट सिंह ने आंदोलनरत पहलवानों का किया समर्थन
जालंधर, 28 अप्रैल : पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान, ओलंपियन एवं पूर्व मंत्री पदमश्री परगट सिंह उन पहलवानों
के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं, जो पुलिस मामला दर्ज करने और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई)
के अध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं।
परगट सिंह ने शुक्रवार को कहा,“ कोई भी तब तक सड़कों पर नहीं निकलता, जब तक कि किसी को गंभीर रूप से
परेशान न किया जाए। यह इतना गंभीर मामला है। एक खिलाड़ी जानता है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आना कितना मुश्किल होता है। ”
भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पर सीधा निशाना साधते हुए परगट सिंह ने कहा कि आन्दोलनकारी पहलवान अनुशासनहीनता पैदा नहीं कर रहे हैं, बल्कि भारतीय खेलों की गंदगी और मैल साफ करने का प्रयास कर रहे हैं।
परगट सिंह ने कहा, “वे सभी की गरिमा के लिए एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। ”
उन्होंने कहा, “ मैं डब्ल्यूएफआई के मौजूदा ढांचे के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरी तरह से आंदोलनकारी पहलवानों के
साथ हूं। यह बेहद निंदनीय है कि लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन के लिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है।”
परगट सिंह ने कहा कि तीन सदस्यीय समिति को यह तय करने दें कि भविष्य में डब्ल्यूएफआई के संचालन को कौन नियंत्रित करेगा। लेकिन तत्काल अतीत के दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
इस बीच, आईओए प्रमुख पी टी उषा के कार्यवाहक सीईओ कल्याण चौबे द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर उतरने के लिए आंदोलनकारी पहलवानों की आलोचना करने वाले बयानों की कुछ अन्य लोगों ने भी आलोचना की है। ओलंपियन पहलवान विनेश फोगट ने कहा कि वह इन बयानों से हैरान और आहत हैं।
परगट सिंह ने कहा, “ पीटी उषा हमारी रक्षक, हमारी ढाल होनी चाहिए न कि हमारी निंदक। उसे हमारे पीछे खड़ा
होना चाहिए। ”