भुवनेश्वर, 14 जून: देशभर के 24 राज्यों के 186 विश्वविद्यालयों ने अपनी जायज मांगों के पूरा नहीं होने के विरोध में बुधवार को अखिल भारतीय मांग दिवस मनाया।
अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी परिसंघ (एआईयूईसी) के अध्यक्ष भवानी होता ने यह जानकारी दी।
पूर्व लोकसभा सांसद श्री होता ने कहा कि मांगों में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली, विश्वविद्यालयों के तीन लाख से अधिक गैर-शिक्षण के लिए समान वेतनमान और सेवा शर्तें, कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व के साथ विश्वविद्यालय निकायों का लोकतंत्रीकरण, निर्माण , आकस्मिक, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों के पर्याप्त पद एवं सेवाओं का नियमितीकरण शामिल हैं।
उन्होंने खेद व्यक्त किया कि विश्वविद्यालयों में लगभग 50 प्रतिशत गैर-शिक्षण पद खाली पड़े हैं और केंद्र सरकार द्वारा देश के विश्वविद्यालयों में वित्तीय संकट पैदा करते हुए घरेलू सकल उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के प्रावधान को लागू नहीं किया गया है।
श्री होता ने कहा कि कमोडिटीकरण, निजीकरण की नीति को पूरे जोरों पर लागू किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी , यह देश में उच्च शिक्षा के लिए मौत की घंटी होगी।
उन्होंने कहा कि एआईयूईसी जुलाई के मध्य में गुवाहाटी विश्वविद्यालय में होने वाली अगली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में स्थिति का जायजा लेगा और केंद्र सरकार को विश्वविद्यालय कर्मचारी की उचित और वास्तविक मांगों को लागू करने के लिए मजबूर करने के लिए एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन विश्वविद्यालय के संबंधित कुलपतियों को दिया गया।