फगवाड़ा में धरने पर डटे किसानों ने दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे खोला
फगवाड़ा, 13 अगस्त : पंजाब के गन्ना किसानों ने फगवाड़ा शुगर मिल पर अपना 72 करोड़ रुपये के बकाया को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को भी जारी रहा, लेकिन आज किसानों ने लोगों की असुविधाओं को देखते हुए दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय उच्च मार्ग को खोल दिया।
पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों ने पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। फगवाड़ा का शुगर मिल चौक भी अब सिंघु बार्डर में तबदील होने के आसार बन गए हैं। शुगर मिल चौक हाइवे पर दिए जा रहे धरने को पंजाब की 31 जत्थेबंदियों का समर्थन मिला है। सभी जत्थेबंदियों की फगवाड़ा में देर रात तक चली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया है कि 25 अगस्त को फगवाड़ा मिल चौक पर बड़ी संख्या में किसानों काे एकत्र किया जाएगा। इसमें सिर्फ दोआबा के ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब से किसान आएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि फगवाड़ा शुगर मिल को भी सिंघु बार्डर में तब्दील किया जाएगा। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक यहां पक्का मोर्चा रहेगा। इसके अलावा एक अहम फैसला लखीमपुर खीरी हत्याकांड को लेकर भी लिया गया है। किसानों की 31 जत्थेबंदियों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज बुलंद की जाएगी। इसके लिए पंजाब से 10 हजार किसानों का एक जत्था उत्तर प्रदेश में जाएगा और वहां पर जाकर इंसाफ के लिए संघर्ष शुरू करेगा।
आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए देर रात तक फगवाड़ा के गुरुद्वारा ज्ञानसर साहिब में चली बैठक में विभिन्न जत्थेबंदियों के नेताओं ने कहा कि उनकी सरकार से मांग है कि फगवाड़ा शुगर मिल में जो 72 करोड़ रुपया किसानों का फंसा हुआ है, उसकी अदायगी करे। मिल को अपने कब्जे में लेकर इसका संचालन खुद करे। किसान नेताओं का कहना है कि उनकी मुख्यमंत्री से इस मुद्दे के लेकर कई बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकल पा रहा है। सरकार में अफसरशाही हावी होने के कारण कोई फैसला नहीं हुआ है।
किसानों ने सरकार से यह भी मांग की है कि उनके पशु लंपी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
बहुत ज्यादा तादाद में पशु मर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई इलाज नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि पशुधन का नुकसान भी किसानों को उठाना पड़ रहा है। सरकार समय पर सही कदम उठाकर पशुओं का इलाज करवाए।