अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए मोदी ने ‘जय अनुसंधान’ का नारा दिया
नयी दिल्ली, 15 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोमवार को ‘जय अनुसंधान’ का नया नारा दिया।
श्री मोदी ने 76 वें स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अब अनुसंधान पर जोर देना जरूरी हो गया है।
उन्होंने कहा, “ हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन का, डीप ओसियन मिशन का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है। ”
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ के बाद ‘जय अनुसंधान’ भी करें। इसके लिए उन्होंने ‘जय अनुसंधान’ का नया नारा भी दिया।
श्री मोदी ने कहा, “ जय जवान, जय किसान, का लाल बहादुर शास्त्री जी का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणादायक है।
अटल जी ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी। लेकिन अब अमृत काल के लिए एक और अनिवार्यता है, वह है जय अनुसंधान। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान।”
उन्होंने कहा कि देश में स्वदेशी उत्पादों के बारे में जैसे-जैसे जागरुकता बढ़ रही है, बच्चों में भी स्वदेशी खिलौनों की चाहत बढ़ रही है। बच्चे आयातित खिलौनों से खेलने से मना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के तहत विदेशी कंपनियां भारत में आ रही हैं और निवेश के साथ-साथ नयी प्रौद्योगिकी ला रही हैं, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और साथ ही देश विनिर्माण का गढ़ बन रहा है। उन्होंने कहा, “ आज जब हम दुनिया को ब्रह्मोस की आपूर्ति करते हैं तो हर भारतीय को इस पर गर्व होता है। ”