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मोतीलाल ओसवाल का एएसएपी बाजार में जोखिमों से परे देगा बेहतर परिणाम

नयी दिल्ली, 23 अगस्त : पूंजी प्रबंधन की प्रमुख कंपनियों में से एक मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट ने अल्फा स्ट्रेटेजिस्ट एडवांटेज पोर्टफोलियो (एएसएपी) नामक एक निवेश प्रस्ताव तैयार किया है जिससे बाजार में अस्थिरता का सामना किया जा सकेगा।
कंपनी ने मंगलवार को एक मीडिया वेबिनार में कहा कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों की अपनी आसान मौद्रिक नीति पर लिए जाने वाले फैसलों से वैश्विक बाजारों में उच्च अस्थिरता देखने की उम्मीद है।

मोतीलाल ओसवाल के इस पोर्टफोलियो में भारतीय इक्विटी (केवल निष्क्रिय इंडेक्स फंड में निवेश), अमेरिकी इक्विटीज (केवल एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड में निवेश), सोना (गोल्ड फंड), ऋण (लक्षित परिपक्वता निधि) और नकद (आर्बिट्रेज फंड) का समान रूप से 20-20 प्रतिशत हिस्सा होगा।

पोर्टफोलियो में समान हिस्सेदारी का एक बड़ा लाभ होगा, क्योंकि इससे किसी एक फंड पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा। गोल्ड फंड और आर्बिट्रेज फंड के खिलाफ इक्विटी का बचाव किया जाएगा, जिससे किसी भी बड़ी गिरावट के खिलाफ यह सुरक्षा प्रदान करेगा। इसमें भारतीय और अमेरिकी इक्विटी से उच्च लाभ प्राप्त होता है।

मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1990-2022 तक एएसएपी सोने में 9.9 प्रतिशत, ऋण में 8.3 प्रतिशत और भारतीय एवं अमेरिकी इक्विटी में क्रमशः 13.8 प्रतिशत और 13 प्रतिशत की वृद्ध के मुकाबले 11.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि औसत वृद्धि दर से बढ़ा है।

मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ के निवेश उत्पादों के प्रमुख नितिन शानबाग ने कहा,“ एएसएपी एक हर मौसम रणनीति है और निश्चित आय का एक बेहतर विकल्प है। इसमें व्यवहार संबंधी पूर्वाग्रहों को दूर करते हुए जोखिमों से परे एक लंबी अवधि में स्थिर लाभ उत्पन्न करना है। ”

मोतीलाल ओसवाल के अनुसार वैश्विक स्तर पर निवेशक मध्यम अवधि में बाजार में उतार-चढ़ाव की उम्मीद कर सकते हैं, जो कि बढ़े हुए भू-राजनीतिक तनाव और आय में गिरावट की संभावना को देखते हुए है। निवेशकों को परिसंपत्ति आवंटन में बड़े बदलावों से बचना चाहिए जो दीर्घकालिक जोखिम-आधारित लक्ष्यों से भिन्न होते हैं। बाहरी जोखिमों और उनके संभावित प्रभाव को देखते हुए, अलग-अलग तरीके से निवेश करने से बाजार की चरम सीमाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।

कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 तक निफ्टी 50 ईपीएस वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 465 अंकों से लगभग दोगुना से अधिक 997 अंकों पर पहुंचने की संभावना है जबकि वित्त वर्ष 2029-30 तक देश की अर्थव्यवस्था छह लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है।

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