बोम्मई ने मुरुगा संत के खिलाफ कार्रवाई में देरी के आरोपों को किया खारिज
मेंगलुरु 02 सितंबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम मामले में नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार मुरुगा मठ के पुजारी शिवमूर्ति शरणारू के खिलाफ कार्रवाई में देरी के लिए राज्य सरकार के खिलाफ लगे आरोपों को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
श्री बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से कहा,“इस तरह की बातों का जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है। मैंने पहले कहा था कि सब कुछ कानून के अनुसार किया जाएगा। हमने उन्हें (पुलिस को) खुली छूट दी है और वे उसी के अनुसार अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। इस प्रकार, इस संदर्भ में कोई आवश्यकता नहीं है कि इस मुद्दे पर विस्तार से बात करें।”
श्री बोम्मई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा में भाग लेने के लिए यहां आए हैं। श्री मोदी इस दौरान लगभग 3,800 करोड़ रुपये की मशीनीकरण और औद्योगीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन तथा नींव रखेंगे और एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
गुरुवार की देर रात, चित्रदुर्ग पुलिस ने श्री शरणारू को हिरासत में ले लिया और पूछताछ की। संत को गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के लिए पुलिस उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले गई। इसके बाद संत को जिला न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
संत को बाद में चित्रदुर्ग जिला जेल लाया गया। शुक्रवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मठ का दौरा किया भारतीय जनता पार्टी के सांसद लहर सिंह सिरोया ने मामले को कर्नाटक के बाहर स्थानांतरित करने के लिए की मांग की थी।
आरोप है कि मठ द्वारा चलाए जा रहे एक विद्यालय में पढ़ने वाली तथा छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 साल की दो लड़कियों का यौन शोषण किया गया। मठाधीश पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। एक पीड़िता अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती है।