शराारू को 14 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया
चित्रदुर्ग 05 सितंबर : कर्नाटक में एक जिला सत्र न्यायालय ने बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार मुरुगा मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति शरणारू को 14 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
सोमवार को दोबारा पुलिस हिरासत की मांग नहीं किये जाने पर चित्रदुर्ग द्वितीय सत्र न्यायालय की न्यायाधीश बी के कोमल ने शरणारू को नौ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इससे पहले पांच सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने से पहले अदालत ने शुक्रवार की शाम यह नहीं बताने के लिए पुलिस को फटकार लगायी कि शरणारू को जेल से अस्पताल में क्यों स्थानांतरित कर दिया गया।
आज ना तो जांच अधिकारी और न ही पुलिस ने हिरासत बढ़ाने की मांग की। पुलिस द्वारा इस सवाल का पर्याप्त जवाब नहीं देने के बाद कि क्या जांच खत्म हो गई है, न्यायाधीश ने न्यायिक गिरफ्तारी का आदेश दिया।
शरणारू को न्यायिक रिमांड पर चित्रदुर्ग जेल में रखा जाएगा। जेल में कड़ी पुलिस सुरक्षा का निर्देश दिया गया है और चित्रदुर्ग मठ सहित शहर में केएसआरपी की टुकड़ी को तैनात किया गया है।
शरणारू को शुक्रवार को जब जेल में रखा जा रहा था, तब सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। उनको गुरुवार देर रात पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
पूछताछ के बाद शरणारू को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।
शरणारू को जिला अस्पताल में स्थानांतरित किए जाने और उसे बेंगलुरु के जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च में स्थानांतरित करने की योजना को गंभीरता से लेते हुए न्यायाधीश कोमल ने शरणारू को किसी भी अस्पताल के बजाय पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया।
मुरुगा मठ के पुजारी को बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह कथित तौर पर नाबालिग लड़कियों को अपने कमरे में बुलाता था और उनके परिवारों की मदद करने की आड़ में उनका यौन शोषण करता था।