लोकपाल की निष्पक्षता ही उसे संस्था का रूप देती है: मनरेगा आयुक्त
रांची, 07 सितंबर : झारखंड में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत नियुक्त लोकपालों के लिए आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि लोकपाल का पद, पद न होकर एक संस्था है, जहां आपको नियमों एवं कानून के अनुसार शिकायतों का निराकरण करना है।
उन्होंने आज कहा कि लोकपाल की निष्पक्षता ही उसे संस्था का रूप देती है। सभी लोकपालों को अपने दायित्वों का निर्वहन करना है, जिसके लिए मनरेगा के हर पहलु को समझने के साथ ही लोकपाल की भूमिका की भी गहन जानकारी जरूरी है।
मनरेगा आयुक्त ने जानकारी दी कि ग्रामीण विकास संस्थान(सर्ड) में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में नवनियुक्त
लोकपालों को मनरेगा के प्रावधानों एवं श्रमिक हितग्राही के अधिकार, लोकपाल के कार्य व दायित्व, मनरेगा के तहत शिकायत निवारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया , सामाजिक अंकेक्षण, सूचना का अधिकार अधिनियम, लोकपाल कार्यालय में शिकायत पंजीयन एवं निवारण तथा सामाजिक न्याय व प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला मनरेगा और लोकपाल निर्देशिका की बारीकियों को समझने में प्रतिभागियों के लिए काफी मददगार होगी।