भारत के 7 सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में पेश किए गए चेहरे की मान्यता। यहाँ क्या बदलाव हैं

यात्री सुरक्षा के लिए एक कदम में, भारतीय रेलवे ने अपने सात सबसे व्यस्त स्टेशनों में फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (FRT) पेश किया है, जिसमें नई दिल्ली, मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल और हावड़ा शामिल हैं। यह उन्नत तकनीक न केवल सुरक्षा को बढ़ाती है, बल्कि यात्री सेवाओं को गति देने और भीड़ को कम करने का भी लक्ष्य है। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

FRT क्या है: FRT अद्वितीय चेहरे की विशेषताओं की पहचान करता है, जैसे कि आंखों, नाक और मुंह की स्थिति, और उन्हें एक सुरक्षित डेटाबेस में तस्वीरों के खिलाफ मिलान करता है। सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग द्वारा संचालित है, जिससे यह वास्तविक समय में चेहरे को जल्दी और सटीक रूप से पता लगाने की अनुमति देता है। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

फ़ायदे: रेलवे स्टेशनों ने लाखों यात्रियों के दैनिक आंदोलन को देखा, जिससे वे चोरी, संदिग्ध गतिविधि और यहां तक कि आतंकवादी खतरों के लिए असुरक्षित हो गए। FRT के साथ, सुरक्षा कर्मी संभावित खतरों की पहचान जल्दी कर सकते हैं, संदिग्धों को ट्रैक कर सकते हैं, और अपराधों को अधिक प्रभावी ढंग से रोक सकते हैं। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

FRT का उपयोग इस सुविधा के साथ कई फायदे प्रदान करता है, संदिग्धों को तुरंत पहचाना जा सकता है, जो अपराध को रोकने में मदद करता है। यह मैनुअल टिकट चेक की आवश्यकता को भी कम करता है, जिससे यात्रियों के लिए प्रतीक्षा समय में कटौती होती है। यह अधिकारियों को यात्री प्रवाह की निगरानी करने में मदद करके बेहतर भीड़ प्रबंधन में भी सहायता करता है। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

FRT का वैश्विक उपयोग: दुनिया भर में 100 से अधिक देशों में चेहरे की पहचान का उपयोग किया जा रहा है। यह चीन में विशेष रूप से व्यापक है, जहां प्रौद्योगिकी चौराहों, शॉपिंग मॉल और सार्वजनिक परिवहन हब पर लागू की जाती है। अमेरिका, रूस, जापान, सिंगापुर और यूएई जैसे देशों ने भी विभिन्न क्षेत्रों में एफआरटी को एकीकृत किया है। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

आधार डेटा कैसे शामिल है: भारत के आधार डेटाबेस में लगभग हर नागरिक के फोटो, फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन शामिल हैं। सिद्धांत रूप में, FRT को आधार छवियों से जोड़ा जा सकता है। हालांकि, भारतीय कानून सामान्य निगरानी के लिए आधार डेटा के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है। UIDAI के अनुसार, आधार का उपयोग केवल सरकारी योजनाओं को प्रमाणित करने के लिए किया जा सकता है न कि बड़े पैमाने पर चेहरे की मान्यता के लिए। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

चिंता और सीमाएँ: जबकि प्रौद्योगिकी कई लाभ लाती है, यह चुनौतियों के साथ भी आता है। गोपनीयता एक बड़ी चिंता बनी हुई है, क्योंकि व्यक्तिगत डेटा दर्ज किया जा रहा है। गलत पहचान संभव है, खासकर अगर चेहरा आंशिक रूप से कवर किया गया है या प्रकाश व्यवस्था खराब है। डेटा उल्लंघनों के कार्यान्वयन और जोखिमों की उच्च लागत भी लाल झंडे बढ़ाती है। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

भारत में इसका और उपयोग कहां किया जा रहा है?: रेलवे स्टेशनों से परे, चेहरे की पहचान क्षेत्रों में तैनात की जा रही है। हवाई अड्डों पर, डिजी यात्रा प्रणाली टिकट रहित बोर्डिंग की अनुमति देती है। दिल्ली पुलिस ने 3,000 से अधिक लापता बच्चों का पता लगाने के लिए FRT का इस्तेमाल किया है। शैक्षणिक संस्थान इसका उपयोग छात्र उपस्थिति पर नज़र रखने के लिए करते हैं, और बैंक ग्राहक सत्यापन के लिए इसका उपयोग करने लगे हैं। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

चेहरे की मान्यता भारत के सुरक्षा बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतिनिधित्व करती है। इसमें संचालन को सुव्यवस्थित करने, निगरानी को बढ़ावा देने और सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने की क्षमता है। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)

जबकि चेहरे की मान्यता के लाभ निर्विवाद हैं, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उचित जांच और संतुलन लागू हो। गोपनीयता की चिंताओं को संबोधित करना, डेटा उपयोग को विनियमित करना, और पारदर्शिता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि देश एक अधिक तकनीकी-चालित सार्वजनिक सुरक्षा मॉडल की ओर बढ़ता है। (Mobile News 24×7 Hindi तेलुगु)