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पुरानी पेंशन की मांग को लेकर कांग्रेस का हिमाचल विधानसभा से बहिर्गमन

शिमला, 13 अगस्त : हिमाचल विधानसभा में शनिवार को पुरानी पेंशन प्रणाली के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव नहीं उठाने देने पर विपक्षी कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया।

कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी ने कहा कि अध्यक्ष को उन्हें पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाने की अनुमति देनी चाहिए क्योंकि नियम के तहत नोटिस दिया गया था। अध्यक्ष ने हालांकि स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

अध्यक्ष के प्रश्नकाल शुरू करने के लिए कहने पर आक्रोशित कांग्रेसी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस के सभी विधायक सदन के बीचोंबीच आ गये और विरोध प्रदर्शन किया। इसके बावजूद प्रश्नकाल जारी रहा और बाद में कांग्रेस के सभी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

कांग्रेस सदस्यों से बाहर जाने के बाद अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज को पुरानी पेंशन के मुद्दे पर बोलने की अनुमति दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सदस्य मानसून सत्र के अंतिम दिन भी गंभीर नहीं थे, जो कि 13वीं राज्य विधान सभा का अंतिम दिन भी है।

उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार ने नई पेंशन प्रणाली लागू की और कांग्रेस शासन द्वारा शेयर बाजार में निवेश किए गए भविष्य निधि राशि को फिर से राज्य को वापस नहीं किया जा सकता है।

श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने कर्मचारियों को धोखा दिया और अब वे इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का शासन 10 साल तक चला, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर कभी विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पुरानी पेंशन के मुद्दे पर विरोध करना चाहिए था जब उसकी सरकार सत्ता में थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में एक भी दिन की देरी नहीं हुई।

राज्य सरकार नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) कर्मचारियों को भविष्य निधि में राज्य का हिस्सा जमा करने के लिए लाभान्वित करने के लिए लगभग 911 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। श्री ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा एनपीएस कर्मचारियों के बढ़े हुए वेतन और भत्तों से पांच हजार कर्मचारियों को फायदा हुआ है।

राज्य सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों को 250 करोड़ रुपये अमान्य और पारिवारिक पेंशन भी शुरू की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनपीएस लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश अकेला राज्य नहीं है क्योंकि देश में 96 लाख कर्मचारी एनपीएस के दायरे में हैं।

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