आईएफएमआर और येल यूनिवर्सिटी में करार
नयी दिल्ली 23 जुलाई: इंस्टिट्यूट फॉर फाइनेंशियल मैनेजमेंट एंड रिसर्च (आईएफएमआर) और येल यूनिवर्सिटी के इंक्लूजन इकोनॉमिक्स ने समावेशी अर्थव्यवस्थाओं और समाजों को बढ़ावा देने वाली नीति से जुड़ा अनुसंधान करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं।
यह सहयोग डेटा के अभिनव संग्रह, अत्याधुनिक अनुसंधान, नीति-निर्माताओं के साथ जुड़ाव और डेटा पर आधारित जानकारियों के संचार पर केंद्रित होगा ताकि आर्थिक एवं सामाजिक समावेश पर प्रमाण आधारित संवाद को सूचित एवं प्रोत्साहित किया जा सके। आईएफएमआर का इंक्लूजन इकोनॉमिक्स इंडिया सेंटर इस महत्वपूर्ण प्रयास में शामिल होगा और क्रिया यूनिवर्सिटी रणनीतिक निरीक्षण करेगी।
इस मौके पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा ने कहा, “सरकार हाशिये पर खड़ी महिलाओं को अर्थव्यवस्था में शामिल करने और सशक्त करने के लिये उल्लेखनीय प्रयास कर रही है। इंक्लूजन इकोनॉमिक्स इंडिया सेंटर इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने में सहायता की है कि हमारी नीतियां और कार्यक्रम डेटा एवं प्रमाण से सूचित हों और हम आने वाले वर्षों में इस भागीदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।”
क्रिया यूनिवर्सिटी की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य कपिल विश्वनाथन ने कहा कि आईएफएमआर और क्रिया यूनिवर्सिटी आज दुनिया के सामने खड़ी बड़ी चुनौतियों को हल करने पर केंद्रित कई अनुसंधान पहलों को शुरू कर रहे हैं। येल यूनिवर्सिटी में इंक्लूजन इकोनॉमिक्स का यह सहयोग ऐसी ही एक पहल है, जो ज्यादा समावेशी समाजों और अर्थव्यवस्थाओं की दिशा में काम कर रही है।
साउथ एशिया इकोनॉमिक्स रिसर्च के निदेशक और येल यूनिवर्सिटी में इंक्लूजन इकोनॉमिक्स के को-लीड डॉ. चैरिटी ट्रॉयर मूरे ने कहा, “हम आईएफएमआर में इंक्लूजन इकोनॉमिक्स इंडिया सेंटर के साथ साझेदारी करते हुए उत्साहित हैं। हमें एक समावेशी, विश्वसनीय और स्थायित्वपूर्ण भारत को बढ़ावा देने के लिये मिलकर काम करने का इंतजार है। ऐसा भारत, जो इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से कुछ को हल करने में दुनिया का नेतृत्व करे।”