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वैश्विक रुख और मासिक वायदा सौदा निपटान का बाजार पर रहेगा असर

मुंबई 20 नवंबर : वैश्विक बाजार के कमजोर रुख से हुई बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह 0.21 प्रतिशत की मामूली गिरावट पर रहे शेयर बाजार पर अगले सप्ताह नवंबर के मासिक वायदा सौदा निपटान, अमेरिकी फेड रिजर्व की होने वाली बैठक, डॉलर, कच्चे तेल की कीमत के रुझान का असर रहेगा।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 131.56 अंक यानी 0.21 प्रतिशत गिरकर सप्ताहांत पर 61663.48 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 42.05 अंक अर्थात 0.23 प्रतिशत फिसलकर 18307.65 अंक पर आ गया।

इसी तरह समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी मुनाफावसूली हुई। इससे मिडकैप 330.28 अंक टूटकर 25134.92 अंक और स्मॉलकैप 234.95 अंक की गिरावट लेकर 28750.11 अंक पर रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह नवंबर का मासिक वायदा सौदा निपटान होना है। इससे पहले बाजार नई दिशा की तलाश करता हुआ दिखेगा। हालांकि, फिलहाल बाजार पर मुनाफावसूली का दबाव बना हुआ है। इसके साथ ही अगले सप्ताह बाजार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख का असर भी देखा जा सकेगा।

एफआईआई ने नवंबर में अबतक कुल 136,199.97 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 123,361.03 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जिससे उनका शुद्ध निवेश 12,838.94 करोड़ रुपये रहा। हालांकि यह 11 नवंबर तक के 12,489.74 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश से थोड़ा ही अधिक है। वहीं, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निवेश धारणा कमजोर रही है। उन्होंने बाजार में कुल 79,872.12 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 83,242.02 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे वह 3,369.90 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे।

इसी तरह वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की 13-14 दिसंबर को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक से पहले विदेशी बाजारों में कुछ अस्थिरता रह सकती है। साथ ही डॉलर में उतार-चढ़ाव, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतें भी अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे जिन पर अगले सप्ताह बाजार की नजर रहेगी।

बीते सप्ताह शेयर बाजार तीन दिन गिरावट और दो दिन तेजी में रहे। सोमवार को वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी, यूटिलिटीज, कैपिटल गुड्स और पावर समेत ग्यारह समूहों में हुई बिकवाली शेयर बाजार ने न केवल पिछले दिवस की तूफानी तेजी बल्कि आज की शुरुआती बढ़त भी गंवा दी और गिरावट लेकर बंद हुआ। सेंसेक्स 170.89 अंक टूटकर 61624.15 अंक और निफ्टी 20.55 अंक अर्थात 0.11 प्रतिशत फिसलकर 18329.15 अंक पर आ गया।

वहीं, अमेरिका में महंगाई की रफ्तार धीमी पड़ने और चीन के आर्थिक परिदृश्य में सुधार आने से वैश्विक बाजार में आई तेजी की बदौलत स्थानीय स्तर पर वित्तीय सेवाएं, दूरसंचार, ऑटो, बैंकिंग और तेल एवं गैस समेत चौदह समूहों में हुई लिवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 248.84 अंक मजबूत होकर 61872.99 अंक और निफ्टी 74.25 अंक चढ़कर 18403.40 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के यूक्रेनी रक्षा मिसाइल को पोलैंड में हुए विस्फोट का कारण बताये जाने के बाद वैश्विक बाजार में आई गिरावट के बावजूद स्थानीय स्तर पर कोटक बैंक, हिंदुस्तान यूनीलीवर, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एयरटेल और एलटी जैसी दिग्गज कंपनियों में हुई लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 107.73 अंक चढ़कर 61980.72 अंक के शिखर और निफ्टी महज 6.25 अंक बढ़कर 18409.65 अंक पर रहा।

वैश्विक बाजार की गिरावट से हतोत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर यूटिलिटीज, ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, पावर, सीडी और हेल्थकेयर समेत 17 समूहों में हुई बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 230.12 अंक टूटकर 61750.60 अंक और निफ्टी 65.75 अंक उतरकर 18343.90 अंक पर आ गया। इसी तरह अंतर्राष्ट्रीय बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर सीडी, ऊर्जा, ऑटो और कैपिटल गुड्स समेत अठारह समूहों में हुई बिकवाली से शुक्रवार को सेंसेक्स 87.12 अंक फिसलकर 61663.48 अंक और निफ्टी 36.25 अंक उतरकर 18307.65 अंक पर रहा।

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