तीन दिवसीय दूसरा ईवी इंडिया ग्रेटर नोएडा में शुरू
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ग्रेटर नोएडा 07 सितंबर : देश में ईलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिये जाने के साथ ही मेक इन इंडिया आधारित ई वाहनों के विनिर्माण को गति देने के सरकार के प्रयासों के साथ इन वाहनों के लिए कलपुर्जे और अन्य उत्पाद बनाने वालों तथा वाहन निर्माताओं को एक मंच प्रदान करने वाला तीन दिवसीय दूसरा ईवी इंडिया आज यहां एक्सो मार्ट में आज से शुरू हो गया।
इस एक्सपो ने कंपनियों को अपने नवीनतम उत्पादों, प्रौद्योगिकी और उपकरणों, स्मार्ट और नेक्स्टजेन ट्रांसपोर्ट, स्कूटर, मोटर-साइकिल, साइकिल बस आदि को प्रदर्शित करने का अवसर और मंच प्रदान किया है। इन नए व्यवसायों और पर्यावरण की सुरक्षा का पता लगाने का मुख्य उद्देश्य व्यापार उद्योग के साथ अंतिम उपयोगकर्ताओं से मिलने और नेटवर्क करना था। ईवी इंडिया एक्सपो लोगों और उद्योग के लिए संसाधनों को साझा करने, उत्पाद खरीदने और ब्रांड प्रदर्शन के का मंच है।
आयोजन का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में भारत को महत्वपूर्ण योगदान करने वाला बनाना है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजर्मा राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल डॉ वी के सिंह ने इसका शुभारंभ किया तथा इस मौके पर जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।
इस प्रदर्शनी का आयोजन इंडियन एग्जीबिशन सर्विसेज और ग्रीन सोसाइटी ऑफ इंडिया ने किया है। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा नीति आयोग द्वारा समर्थित है। इस आयोजन में दुनिया भर के 250 प्रदर्शक और प्रति दिन 5,000 से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है। दुनिया भर के मशहूर ब्रांड जैसे महिंद्रा, ओडेसे इलेक्ट्रिक, जॉय ई बाइक, मैक्सिम ई बाइक, सिका इंडिया ग्रुप, शेमा ई व्हीकल, एर्गो ईवीएसमार्ट, एफिल चार्जिंग, यूलर मोटर्स, ओके बैटरी, टेक्सर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और कई अन्य ने प्रदर्शनी में हिस्सा लिया है। प्रदर्शनी में भाग लेने वाली 200 से अधिक कंपनियां हैं। इनमें ई-वाहनों, ऑटो घटकों, ईवी तकनीकी उपकरणों, सॉफ्टवेयर और आईओटी उपकरणों, बैटरी निर्माताओं की श्रेणी से 50 से अधिक स्टार्टअप ईवी कंपनियां शामिल हैं। प्रदर्शनी में 70 से अधिक कंपनियां नए उत्पादों और सेवाओं का अनावरण कर रही हैं।
इंडियन एग्जीबिशन सर्विसेज के निदेशक स्वदेश कुमार के अनुसार, “भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक नया विशाल व्यावसायिक अवसर है। किसी भी नए क्षेत्र की तरह, कुछ छोटी-छोटी शुरुआती समस्याएं हैं जिन्हें हल करने की आवश्यकता है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बढ़ते प्रदूषण और तेल पर निर्भरता को कम करने जैसे बड़े मुद्दों को हल करने के लिए यहां हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सरकारी फंडिंग, सब्सिडी और प्रोत्साहन से बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में मदद मिली है। इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में जे-वक्र (कर्व) का पालन किया था और 2020-2022 के बाद अचानक इसमें तेजी आएगी।
उन्होंने कहा कि अगले कुछ साल भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि बाजार पहले की तरह बढ़ने की ओर अग्रसर है। 2025 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार में 50,000 करोड़ रुपये का अवसर होने की संभावना है, दो और तिपहिया वाहनों से मध्यम अवधि में वाहनों के उच्च विद्युतीकरण की उम्मीद है। इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 2019 और 2030 के बीच 43.13 प्रतिशत वार्षिक बढ़ने की उम्मीद है।