दिल्ली जल बोर्ड जुलाई से शुरू करेगा जलापूर्ति का सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग : केजरीवाल
नयी दिल्ली, 22 जून : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चीन, फ़्रांस, मध्य यूरोप और इटली की तरह दिल्ली में जलापूर्ति को व्यवस्थित करने को लेकर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है ताकि सभी इलाकों में जरूरत के अनुसार पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
श्री केजरीवाल ने आज उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर जलापूर्ति को व्यवस्थित करने के लिए पूरी दिल्ली में फ्लोमीटर का काम हर हाल में 31 दिसंबर तक पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से दिल्ली जल बोर्ड जलापूर्ति की सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग करना शुरू कर देगा। इसके आधार पर आवश्यकता के अनुसार दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पानी की आपूर्ति की जा सकेगी। इस व्यवस्था को लागू होने के बाद दिल्ली के किसी भी इलाके में पानी की अतिरिक्त या कम आवश्यकता होने की सेंट्रलाइज्ड जानकारी मिल सकेगी और इसके आधार पर दिल्ली जल बोर्ड उस इलाके में आवश्यकतानुसार जलापूर्ति को लेकर निर्णय ले सकेगा।
उन्होंने पानी की एक-एक बूंद को सहेजने पर बल दिया। दिल्ली जल बोर्ड के आंकलन के अनुसार, दिल्ली में उपलब्ध बहुत सारे पानी का कोई लेखा जोखा नहीं है। यह पानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई तो किया जा रहा है, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के ऑडिट सिस्टम के अंदर पानी नहीं आ पा रहा है। पिछले 20-30 वर्षों के अंदर अलग-अलग कारणों से पानी की जो मुख्य लाइन जाती थी, वहां से पानी की टैपिंग विभिन्न इलाकों में दी गई हैं। इस वजह से कई इलाकों में पानी कम प्रेशर से आता है तो कई इलाकों में पानी नहीं पहुंच पाता है।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को जल्द से जल्द सभी जरूरी पाइप लाइनों के ऊपर फ्लोमीटर लगाने का काम पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने फ्लोमीटर लगाने में हो रही देरी पर कडी नाराजगी जताई और सबकी एक टाइम लाइन तय कर दी है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी फ्लोमीटर का डेटा सेंट्रल लोकेशन भी प्रदर्शित किया जाए, ताकि उसकी नियमित निगरानी कर पानी के असमान वितरण को कंट्रोल किया जा सके।
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि एक तरह से अभी दिल्ली के अंदर पानी का वितरण असमान है। इसे समान रूप से वितरित करने के साथ-साथ हर इलाके में अधिक प्रेशर से पानी पहुंचाना सुनिश्चित करने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए यह पता लगाना बेहद आवश्यक है कि किस इलाके में कितना पानी सप्लाई हो रहा है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ गड़बड़ियों के कारण किसी इलाके की पानी की सप्लाई कम कर दी जाती है और किसी इलाके में पानी की सप्लाई बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर पानी की उपलब्धता सीमित है। दिल्ली को अपनी पानी की जरूरतों को बाहरी स्रोतों से पूरा करना पडता है। दिल्ली को ज्यादातर पानी यमुना और गंगा नदी से मिलता है। यह पानी भी दिल्ली की आबादी के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। 1994 में कुछ राज्यों के बीच पानी को लेकर समझौता हुआ था। उसमें पानी की एक लिमिट तय की गई थी। आज भी दिल्ली को उतना ही पानी मिल रहा है, जितना 1994 में तय हुआ था। जबकि अब दिल्ली की आबादी काफी बढ गई है।