ताेशाखाना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की याचिका खारिज की
इस्लामाबाद, 26 जुलाई : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तोशाखाना मामले में अपीलीय अदालत के फैसले पर रोक लगाने की पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक -ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान की याचिका को खारिज कर दी।
पिछले साल 21 अक्टूबर को पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पूर्व प्रधानमंत्री को ‘झूठे बयान और गलत घोषणा’ करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत तोशाखाना मामले के संदर्भ में अयोग्य करार दिया गया था।
मई में इस्लामाबाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) हमायूं दिलावार ने तोशाखाना मामले पर रोक लगाने के लिए श्री खान की चुनौती को खारिज कर दिया था और उन्हें मामले में दोषी करार दिया था।
अपीलीय अदालत के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसमें इस अदालत के फैसले पर रोक लगाने के लिए कानूनी सवालों के आलोक में सात दिनों में मामले की चार जुलाई से पूर्व फिर से जांच कराने के लिए भेजा गया था।
इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री ने फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया और शीर्ष अदालत से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश को रद्द करने का आग्रह किया। उन्होंने अपनी अपील पर फैसला होने तक एडीएसजे दिलावर के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की। पीटीआई प्रमुख ने वरिष्ठ वकील ख्वाजा हारिस अहमद के माध्यम से अपनी अपील दायर की थी।
न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी और न्यायमूर्ति मुसर्रत हिलाली की दो सदस्यीय पीठ ने श्री खान की याचिका पर आज सुनवाई की। सुनवाई शुरू होने से ठीक पहले कोर्ट रूम के बाहर हंगामा हो गया, जिस पर न्यायाधीशों ने नाराजगी जताई। न्यायाधीशों ने न्यायालय का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया। हंगामे के कारण अदालत कक्ष के कर्मचारी कुछ देर के लिए वहां से चले गये, लेकिन स्थिति शांत होने के बाद वापस लौट आए। उन्होंने श्री खान के वकील ख्वाजा हारिस से मामले को अदालत कक्ष के बाहर सुलझाने के लिए कहा।
सुनवाई की शुरुआत में श्री खान के अधिवक्ता हारिस ने कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के पास पहले से ही दो याचिकाएं लंबित हैं, एक अपीलीय अदालत के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है और दूसरी एडीएसजे दिलावर की अदालत से श्री खान के मुकदमे को स्थानांतरित करने की मांग कर रही है।
ईसीपी के वकील अमजद परवेज़ ने कहा कि मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का आदेश पहले ही लागू किया जा चुका है और अपीलीय अदालत के आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई कल के लिए निर्धारित की गयी है।