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रोजगार मेले में 75 हजार नियुक्ति पत्र बांटे गए

नयी दिल्ली 22 अक्टूबर : बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के लिए आज का दिन कुछ राहत लेकर आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रोजगार मेले की शुरुआत की जिसमें 75 हजार नियुक्ति पत्र वितरित किए गए।

यह रोजगार मेला सरकार द्वारा 10 लाख पदों पर भर्ती करने के अभियान के तहत आयोजित किया गया है।

श्री मोदी ने नियुक्ति पत्र हासिल करने वाले कर्मचारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा ,“ भारत की युवा शक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। बीते आठ वर्षों में देश में रोजगार और स्वरोजगार का जो अभियान चल रहा है, आज उसमें एक और कड़ी जुड़ रही है। ये कड़ी है रोज़गार मेले की। आज केंद्र सरकार आजादी के 75 वर्ष को ध्यान में रखते हुए 75 हज़ार युवाओं को एक कार्यक्रम के अंतर्गत नियुक्ति पत्र दे रही है।“

उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में इसी तरह लाखों युवाओं को सरकार द्वारा समय-समय पर नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। उन्होंने कहा, “ मुझे खुशी है कि एनडीए शासित कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी और भाजपा सरकारें भी अपने यहां इसी तरह रोज़गार मेले आयोजित करने जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर, दादरा एवं नगर हवेली, दमन-दीव और अंडमान-निकोबार भी आने वाले कुछ ही दिनों में हजारों युवाओं को ऐसे ही कार्यक्रम करके नियुक्ति पत्र देने वाले हैं।“

प्रधानमंत्री ने कहा ,“ आज भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। पिछले 7-8 साल के भीतर हमने 10वें नंबर से 5वे नंबर तक की छलांग लगाई है। ये सही है कि दुनिया के हालात ठीक नहीं हैं, अनेक बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं संघर्ष कर रही हैं। दुनिया के अनेक देशों में महंगाई हो, बेरोज़गारी हो, अनेक समस्याएं अपने चरम पर है। 100 साल में आए सबसे बड़े संकट के साइड इफेक्ट्स, 100 दिन में चले जाएंगे, ऐसा न हम सोचते हैं, न हिन्दुस्तान सोचता है और न ही दुनिया अनुभव करती है। लेकिन इसके बावजूद संकट बड़ा है, विश्वव्यापी है और उसका प्रभाव चारों तरफ हो रहा है, दुष्प्रभाव हो रहा है। लेकिन इसके बावजूद भारत पूरी मज़बूती से लगातार नए नए कदम उठाकर थोड़ा रिस्क लेकर भी ये प्रयास कर रहा है कि ये जो दुनिया भर में संकट है उससे हम हमारे देश को कैसे बचा पाएं? इसका दुष्प्रभाव हमारे देश पर कम से कम कैसे हो? “

श्री मोदी ने कहा कि सरकार देश में ऐसा वातावरण बना रही हैं, जिसमें खेती की, निजी क्षेत्र तथा छोटे और लघु उद्योगों की ताकत बढ़े। सरकार का सबसे अधिक जोर युवाओं के कौशल विकास पर है।

उन्होंने कहा कि देश में बड़ी संख्या में रोज़गार और स्वरोजगार के निर्माण में सबसे बड़ी रुकावट बैंकिंग व्यवस्था तक बहुत सीमित लोगों की पहुंच भी थी। इस रुकावट को भी दूर कर दिया गया है। मुद्रा योजना ने देश के गांवों और छोटे शहरों में उद्यमशीलता का विस्तार किया है। अभी तक इस योजना के तहत करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए के ऋण दिए जा चुके हैं।

प्रधानमन्त्री ने कहा, “ देश की युवा आबादी को हम अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते हैं। आज़ादी के अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के सारथी हमारे युवा हैं, आप सभी हैं। आज जिन्हें नियुक्ति पत्र मिला है, उनसे मैं विशेष तौर पर कहना चाहूंगा कि आप जब भी दफ्तर आएंगे अपने कर्तव्य पथ को हमेशा याद करें। आपको जनता की सेवा के लिए नियुक्त किया जा रहा है। 21वीं सदी के भारत में सरकारी सेवा सुविधा का नहीं, बल्कि समय सीमा के भीतर काम करके देश के कोटि-कोटि लोगों की सेवा करने का एक कमिटमेंट है, एक स्वर्णिम अवसर है। स्थितियां, परिस्थितियां कितनी भी कठिन हों, सेवाभाव का सरोकार और समय सीमा की मर्यादा को हर हाल में हम सब मिलकर के कायम रखने का प्रयास करेंगे. ।“

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