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घर खरीदने वालों का सामर्थ्य 2022 में घटा : नाइटफ्रैंक

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर : मुद्रास्फीति के दबाव के साथ कर्ज महंगा होने के चलते वर्ष 2022 में घर खरीदारों के सामर्थ्य में एक दशक की पहली गिरावट दर्ज की गयी है।

अचल सम्पत्ति बाजार का अध्ययन करने वाली फर्म नाइटफ्रैंक की गुरुवार को जारी एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि 2022 में घर खरीदने वालों का सामर्थ्य का स्तर वार्षिक आधार पर कम होने के वाबजूद पूर्व-कोविड 2019 स्तर से बेहतर है। खरीदारों के सामर्थ्य में घट-बढ़ का अनुमान मकान की किश्त और परिवार की आय के अनुपात में घट-बढ़ की दृष्टि से देखी जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अहमदाबाद, कोलकाता और पुणे 2022 के सबसे किफायती भारतीय आवास बाजार हैं।
नाइट फ्रैंक ने अपनी वार्षिक अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2022 में कहा है, ‘‘ वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में भारतीय बाजारों में घर खरीदने की सामर्थ्य के स्तर में गिरावट आई है। 2022 में रेपो में चरणबद्ध तरीके से 2.25 प्रतिशत संचयी वृद्धि और उसके परिणाम स्वरूप आवास की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ गृह ऋण की दरों में वृद्धि सामर्थ्य में गिरावट का कारण बनी है।”
शिशिर बैजल, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि 2022 में रेपो दर में 2.25 की वृद्धि और घर की कीमतों में वृद्धि के बावजूद, प्रमुख शहरों में होम अफोर्डेबिलिटी में केवल एक से दो प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है। सामर्थ्यता अनुपात (अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स) पर आवास ऋण की दरों और कीमतों में वृद्धि के प्रभाव की गंभीरता लोगों की आय में बढ़ोतरी और सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि से कुछ कम हुई है। जिससे आवासीय बाजार को अपनी गति बनाए रखने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा, “ नए साल के लिए हमें आशा है कि बिक्री की यह गति जारी रहेगी क्योंकि हम उम्मीद करते हैं कि जीडीपी वृद्धि और मुद्रास्फीति जैसे कारक स्थिर रहेंगे।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में लोगों का मकान खरीदने का सामर्थ्य पिछले वर्ष की तुलना में गिरा जरूर है पर यह 2019 में पूर्व-महामारी के स्तर से काफी बेहतर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई को छोड़कर सभी बाजारों को 50 प्रतिशत के अनुपात पर निर्धारित आरामदायक सामर्थ्य की सीमा से काफी नीचे दर्ज किया गया है। अहमदाबाद 22 प्रतिशत के सामर्थ्यता अनुपात के साथ 2022 में देश में सबसे किफायती आवास बाजार के रूप में उभरा है। इसके बाद कोलकाता और पुणे ( दोनों का सामर्थ्यता अनुपात 25 प्रतिशत) का स्थान है।
मुंबई 53 सामर्थ्यता अनुपात के साथ एक मात्र ऐसा शहर है जहां वर्ष के दौरान यह अनुपात अधिकतम 50 प्रतिशत अनुपात की तुलना में ऊंचा है।
2011 के बाद इस समय मुंबई में लोगों की आय के सामर्थ्य की दृष्टि से मुंबई में घर खरीदने की सबसे अच्छी स्थिति है। वर्ष 2010 में मुंबई में ईएमआई (मासिक किस्त) और आय का अनुपात 93 प्रतिशत था।
हैदराबार में 2022 में सामर्थ्यता अनुपात 30 प्रतिशत, एनसीआर में 29 प्रतिशत और बेंगलूर, चेन्नई में सामर्थ्यता अनुपात 27 प्रतिशत रहा।

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