सीएए नागरिकों के मौजूदा अधिकारों को प्रभावित नहीं करता – केन्द्र सरकार
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर : उच्चतम न्यायालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) मामले में कल होने वाली महत्वपूर्ण सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने रविवार को अपने ताजा हलफनामे में बताया कि 2019 में पेश किए गए सीएए का किसी भी भारतीय नागरिक के कानूनी, लोकतांत्रिक या धर्मनिरपेक्ष अधिकार पर किसी तरह का असर नहीं होगा और यह एक सौम्य कानून है।
सरकार ने अपने नवीनतम 150-पृष्ठ के हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर किया ,“किसी भी देश के विदेशियों द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए मौजूदा व्यवस्था सीएए से अछूती बनी हुई है और रहेगी। वैध दस्तावेजों और वीजा के आधार पर कानूनी प्रवासन, दुनिया के सभी देशों से अनुमत है, जिसमें सीएए में निर्दिष्ट तीन देश भी शामिल है।”
देश के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ द्वारा कल इस मामले की सुनवाई की जाएगी।
हलफनामे में कहा गया है, “सीएए केवल एक सीमित विधायी उपाय है, जो इसके आवेदन में सीमित है, जो किसी भी तरह से नागरिकता से संबंधित मौजूदा कानूनी अधिकारों या शासन को प्रभावित नहीं करता है। सीएए एक सौम्य कानून है।”