कलाकारों ने देश को अराजकता में फंसने से बचाया : राज ठाकरे
पुणे 09 जनवरी : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि वह उन सभी कलाकारों को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने लोगों को उनके काम में व्यस्त रखकर देश को अराजकता के शिकंजे में फंसने से बचाया।
श्री ठाकरे दिग्गज अभिनेता अशोक सराफ की 50 साल की सिनेमाई यात्रा का जश्न मनाने के लिए शहर स्थित रावेतकर समूह द्वारा आयोजित और राजेश दामले के समर्थन से कोथरुड में यशवंतराव चव्हाण सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम “ अशोक पर्व ” के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। श्री सराफ को इस अवसर पर विशेष प्रश्स्ति पत्र और स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया गया इस दौरान कई पुरस्कार विजेता मराठी कलाकार प्रशांत दामले, निवेदिता सराफ, निर्देशक अमोल रावेतकर, रावेतकर ग्रेप और राजेश दामले उपस्थित रहे।
श्री ठाकरे ने कहा “ क्या होता हमारे जीवन में यदि कोई भी कलाकार न होता।जितने भी अभिनेता, निर्देशक, चित्रकार, कलाकार, कवि, संगीतकार, गायक हैं अगर वे न होते तो क्या होता? अगर यह सब लोग नहीं होते तो हमारे देश में अराजकता का साम्राज्य होता। लोग अपने काम में लगे हुए थे और इसीलिए देश में गलत चीजों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसी कारण देश किसी गलत दिशा में नहीं गया और इसका पूरा श्रेय कलाकारों को जाता है। इस अवसर पर श्री ठाकरे ने जाने माने कलाकार अशोक सराफ के उम्दा और प्रभावशाली अभिनय को रेखांकित करते हुए कहा कि उनके अभिनय की छाप नकेवल सिनेमा बल्कि थियेटर की दुनिया में भी है। एक कलाकार के रूप में वह अशाेक सराफ का काफी सम्मान करते हैं । उन्होंने कहा कि अशोक जी को हास्यकलाकार बताना उनकी प्रतिभा को कमतर कर देखना है।
श्री ठाकरे ने कहा “अशोक सराफ दक्षिण में होते तो मुख्यमंत्री होते। कलाकारों की अहमियत तभी समझी जा सकती है जब आप विदेश जाएं। अगर सराफ किसी यूरोपीय देश में होते तो देश के प्रधानमंत्री उनके अभिनंदन के लिए आते।”
इस दौरान अशोक सराफ ने जनता को इतने लंबे समय से दिये जा रहे प्यार और सम्मान के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि राज ठाकरे के हाथों यह सम्मान पाकर वह अविभूत हैं। इस अवसर पर निवेदिता सराफ ने कहा कि अशाेक सराफ एक बेहतरीन कलाकार होने के साथ साथ एक अच्छे बेटे, पति, पिता और दोस्त भी हैं। इससे पहले अशोक सराफ ने पुरस्कारविजेता प्रशांत दामले के साथ बातचीत में अपनी जीवनयात्रा के कई पलों को याद किया।