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लोकसभा में पक्ष, विपक्ष में टूटा गतिरोध, 4 कांग्रेस सदस्यों का निलंबन खत्म

नयी दिल्ली 01 अगस्त : कांग्रेस द्वारा सदन में नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन करने एवं तख्तियां नहीं लाने के आश्वासन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर कांग्रेस के चार सदस्यों के निलंबन को आज वापस ले लिया गया।

कांग्रेस के चार सदस्यों -सुश्री ज्याेतिमणि, मणिक्कम टैगोर, टी एन प्रतापन एवं रमैया हरिदास को 25 जुलाई काे तख्तियां दिखाने एवं आसन के इर्दगिर्द जमा हो कर शोरशराबा एवं हंगामा करने पर पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद सदन में कांग्रेस ने कार्यवाही में भाग नहीं लिया था।

आज दो बार के स्थगन के बाद सदन के समवेत होने पर गतिरोध टूटा। सूत्रों के अनुसार श्री बिरला ने अपराह्न सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलायी और लोकसभा की उत्पादकता घटने पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार उनकी मांग के मुताबिक सदन में महंगाई पर चर्चा सूचीबद्ध है और सदन में विपक्ष का हंगामा बंद करके उनके इच्छित विषय पर चर्चा होनी चाहिये।

अपराह्न दो बजे सदन में अध्यक्ष ओम बिरला के आग्रह पर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कांग्रेस के चारों सदस्यों का निलंबन समाप्त करने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकृति प्रदान की और इसके बाद सदन में कांग्रेस की मांग केे अनुरूप नियम 193 के तहत महंगाई पर चर्चा शुरू हुई।

इससे पहले अध्यक्ष श्री बिरला ने कहा कि सदन में हुई घटनाओं से सब आहत हैं। मैं भी आहत हुआ हूं, देश को भी पीड़ा पहुंची है। यह संसद देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है। यहां की संसदीय परम्परा पर हम सब को गर्व है। चर्चा-संवाद और सकारात्मक बहस से सदन को प्रतिष्ठा मिली है। हमारे पूर्ववर्ती अध्यक्षों और सदस्यों ने मर्यादा और परम्पराओं को निभाया है। इस मर्यादा-शालीनता की रक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। विषयों पर सहमति-असहमति हो सकती है। लेकिन हमने सदन की गरिमा को बनाए रखा है। चर्चा-संवाद, तर्क-वितर्क हो, विषयों पर बात हो। सभी दलों के नेता और सदस्य चाहते हैं कि सदन चले। सदन चलता है तो सबको पर्याप्त समय और अवसर देता हूं। सदस्य व्यक्तिगत तौर पर भी इसके लिए आग्रह करता हैं। आजादी के अमृतकाल में हत जनकल्याण के लिए सामूहिक पहल करें। नियम-प्रक्रियाओं की पालन कर इस सर्वोच्च सदन की मर्यादा बनाए रखेंगे। ऐसा देश की जनता हम पर विश्वास रखती है।

इस पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम दूर दराज से इस सदन में चुन कर आते हैं चर्चा एवं बहस के लिए ताकि आम लोगों की तकलीफों का निवारण हो सके। सदन में कोई बड़ा छोटा नहीं होता। हम भी चाहते हैं कि सदन की प्रतिष्ठा नहीं गिरे लेकिन सत्ता पक्ष को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। उन्होंने मांग की कि सदन से निलंबित चार सदस्यों का निलंबन समाप्त किया जाये।

अध्यक्ष श्री बिरला ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री इस आशय का प्रस्ताव लाएंगे लेकिन उन्हें आश्वासन देना होगा कि सदस्य तख्तियां लेकर नहीं आएंगे। उन्हें अंतिम बार मौका दिया जाएगा।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार सदन की उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास कर रही है। अभी महंगाई पर चर्चा होनी थी। हमने कहा था कि वित्त मंत्री कोविड से स्वस्थ हो कर आ जाएंगी तो चर्चा करायी जाएगी। वित्त मंत्री सदन में आ चुकी हैं और हम चर्चा कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन विपक्ष को वादा करना होगा कि सदस्य तख्तियां लेकर नहीं आएंगे।

श्री चौधरी ने कहा कि विपक्ष नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन करेगा। इस पर श्री बिरला ने हस्तक्षेप किया और कहा कि सदन में कोई तख्ती लेकर नहीं आएगा। क्या सब सहमत हैं, इस पर सभी ने सहमति प्रदान की। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने निलंबित सदस्यों के निलंबन को समाप्त करने का प्रस्ताव किया जिसे स्वीकृति मिल गयी और इसके बाद महंगाई पर चर्चा शुरू हो गयी। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने महंगाई पर चर्चा शुरू की।

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