श्रीनगर में सेना के भावी कमांडरों के लिए रणनीतिक संगोष्ठी का आयोजन
श्रीनगर, 16 नवंबर : सेना ने श्रीनगर के 15वीं कोर में दो दिवसीय रणनीतिक संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य भविष्य के सैन्य कमांडरों को तैयार करना है, जो नियंत्रण रेखा की रक्षा करने और आतंकियों से देश की आंतरिक सुरक्षा को सुरक्षित रखने के लिए अहम भूमिका निभाते हैं।
सेना की ओर से आयोजित यह संगोष्ठी बुधवार को संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने की और इसमें वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में रक्षा विशेषज्ञों ने युद्ध की उभरती रूपरेखा के विशिष्ट पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये, जिसका युद्ध के कई स्तरों से सीधा संबंध होता है।
उत्तरी कमान के सामने ‘ढाई मोर्चों’ पर बड़ी चुनौतियां है। जिसे चीन, पाकिस्तान और आंतरिक सुरक्षा के खतरों के रूप में देखा जा सकता है। जो युद्ध के विभिन्न स्तरों और प्रणालियों की चुनौतियों की वास्तविकता के साथ है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी के युद्ध में सशस्त्र बलों को उभरते मैट्रिक्स पर पैनी नजर रखते हुए जवाबी कार्रवाई करनी पड़ती है और इसलिए जवाबी प्रतिक्रिया एक विस्तृत कड़ी का रूप ले सकती है जो पारंपरिक सैन्य साधनों के दायरे से बाहर माना जाता है।
संगोष्ठी में निर्णय लेने के लिए नागरिक सैन्य संयुक्तता के मुद्दों पर भी बात हुई, जिसमें कूटनीति, सूचना, सैन्य और उभरते खतरों के विषय भी शामिल है।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने प्रख्यात वक्ताओं को बधाई दी, जिन्होंने विस्तृत विश्लेषण करने के साथ अपने विचारों को सामने रखा। उन्होंने सैन्य शक्ति का उपयोग सुसंगत रूप से करने वाले दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए वक्ताओं की सराहना भी की।