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लालकिले में राजा शिवछत्रपति महानाट्य का मंचन दो नवंबर से

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर : दिल्ली के लालकिले के प्रांगण में एक बार फिर राजा शिवछत्रपति महानाट्य का मंचन किया जाएगा।
आगामी दो से छह नवंबर तक लालकिले के सामने मैदान में छत्रपति शिवाजी की ऐतिहासिक गौरवगाथा के मंचन स्थल का आज केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भूमि पूजन किया। इसके साथ ही कार्यक्रम की तैयारी शुरू हो गई। भूमि पूजन कार्यक्रम में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर बिधूड़ी, भाजपा नेता श्याम जाजू, पूर्व महापौर जे पी अग्रवाल, भाजपा नेता अशोक गोयल और कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री सिंधिया ने कहाकि भारत का इतिहास देशभक्ति, बलिदान एवं समृद्धि का इतिहास है। युद्धनीति से लेकर राज्यव्यवस्था के लिए भी हमें शिवाजी से प्रेरणा मिलती है। शिवाजी महाराज का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। लेकिन बचपन से ही वह विदेशी आक्रांताओं को बाहर करने के बारे में सोचते थे। शिवाजी ने आगे चलकर अटक से कटक तक हिंदवी स्वराज्य का भगवा परचम लहराया।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि भारत सोने की चिड़िया है जिसे चुराने की साजिश होती रही है। लेकिन अब देश मजबूत हाथों में है। उन्होंने कहा कि शिवाजी के शासन-प्रशासन से हमें सीख लेने की जरूरत है। शिवाजी महाराज ने सेना के साथ ही नौ सेना को भी मजबूत बनाया। समुद्र तट को सुरक्षित किया। उनकी सेना में हर जाति-धर्म के लोग थे।

कार्यक्रम के संयोजक वैभव डांगे ने कहा कि शिवाजी के चरित को समझने के लिए राजा शिव छत्रपति महानाट्य को लोगों के बीच प्रचारित करने की जरूरत है। शिवाजी के चरित्र के साथ ही उनकी शासन-प्रशासन और युद्धनीति को हमें समझने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि भारतीयों के साथ ही विदेशी राजदूतों को भी नाटक देखने के लिए आमंत्रित किया गया है। लगभग पांच हजार विदेशी मेहमानों को नाटक दिखाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए नाटक का अंग्रेजी में अनुवाद की भी व्यव्स्ता की गयी है। इसके साथ ही विभिन्न स्कूलों में शिवाजी के जीवन चरित्र पर प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। जिसमें दिल्ली के 20 हजार छात्रों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

दिल्ली का लालकिला दूसरी बार राजा शिव छत्रपति महानाट्य का गवाह बनेगा। पहली बार साल 2018 में लालकिला दिल्ली इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना था। इस बार महानाट्य का मंचन आजादी के अमृतकाल में हो रहा है। इस महानाट्य का भारत, अमरीका और इंग्लैंड सहित दुनियाभर में 1000 से ज्यादा मंचन हो चुका है। चार मंजिला रंगमंच, 250 से ज्यादा कलाकार और घोड़े पर सवार सैन्यबल के साथ छत्रपति शिवाजी के जीवन चरित्र का चित्रण होता है। तोप, हाथी, घोड़े पर सवार सैनिक राजा शिव छत्रपति माहाट्य को सजीव बना देते हैं।

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