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बंगाल में पंचायत चुनाव हिंसा में और अधिक मौतों की रिपोर्टें, पुनर्मतदान जारी

कोलकाता/मुर्शिदाबाद/कूचबिहार 10 जुलाई : पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत 19 जिलों के 697 बूथों पर सोमवार को पुनर्मतदान हो रहा है वहीं चुनावी हिंसा में तीन और लोगों की मौत की रिपोर्टें हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

संकटग्रस्त मुर्शिदाबाद के रानीनगर निवासी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समर्थक शिराजुल इस्लाम की शनिवार को कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं द्वारा पिटाई के बाद रविवार को मौत हो गई। मृतक के पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि रविवार को रानीनगर बूथ पर पुनर्मतदान की मांग को लेकर उत्तेजित कांग्रेस समर्थकों द्वारा बेलडांगा में नाकाबंदी के कारण उन्हें कोलकाता के अस्पताल में स्थानांतरित करने के असफल प्रयासों के बाद मुर्शिदाबाद जिला अस्पताल में शिराजुल ने अंतिम सांस ली।

कांग्रेस नेतृत्व ने हालांकि, हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।

इस बीच, स्थानीय थाना में रिश्तेदारों की शिकायतों के अनुसार, रानीनगर के रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) उम्मीदवार अजाबुल इस्लाम शनिवार से कथित तौर पर लापता हैं।

रानीनगर पंचायत के लिए हालांकि, पुनर्मतदान अभी जारी है, लेकिन आरएसपी उम्मीदवार को अभी तक नहीं देखा गया है, यहां तक ​​​​कि उसका आहत परिवार भी उन्हें लेकर अनिश्चित है।

नादिया के भालुका के सुकुर अली शेख (70), जो कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कृष्णानगर उम्मीदवार के ससुर हैं, ने शनिवार को चुनाव के दिन टीएमसी समर्थकों द्वारा कथित तौर पर पीटे जाने के बाद सोमवार को जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। चुनाव के दिन। माकपा उम्मीदवार सुनीता बीबी के ससुर की सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों द्वारा कथित रुप से पिटाई के बाद शक्तिनगर जिला अस्पताल में सोमवार को मौत हो गई।

टीएमसी ने हालांकि, इन आरोपों से साफ इनकार किया।

विपक्षी उम्मीदवार के बहनोई ऑस्टो मंडल (35) का क्षत-विक्षत शव सोमवार तड़के नदिया जिले के धुबुलिया में जूट के खेत में मिला। प्रत्याशी सुनीता मंडल ने आरोप लगाया कि

जीजा-साले की हत्या की गयी है और उनकी रहस्यमयी मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराई जाय।

कूच बिहार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 23 वर्षीय चिरंजीत कारजी की शोक संतप्त मां ने सोमवार को पुनर्मतदान के दिन बूथ पर वोट डालने से इनकार कर दिया। मतदाता चिरंजीत अपनी मां के साथ शनिवार को वोट डालने आये थे कि कथित बूथ लुटेरों द्वारा चलाई गई गोली का शिकार हो गए। चिरंजीत वोट देने के लिए कतार में थे लेकिन अचानक जब कतार पर देसी बम फेंके जाने लगे तो वह घबरा गए और अपनी मां को सुरक्षित स्थान पर ले गए और वोट डालने के लिए वापस आ गए। लेकिन वहां उन्हें गोली मार दी गई और एक घंटे बाद कूचबिहार के दिनहाटा के कालीरपथ माध्यमिक स्कूल में उनकी मृत्यु हो गई।

चिरंजीत एक दिहाड़ी मजदूर था और अपनी मां व अपाहिज पिता के लिए कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति था।

इस बीच सोमवार के मतदान की तस्वीरें शनिवार से अलग रहीं। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कड़ी निगरानी में उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी में एक केंद्र को छोड़कर सभी 697 बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान की खबर है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मतदान घंटों बाद हुआ क्योंकि चुनाव अधिकारी देर से आये क्योंकि उन्हें अपने मतदान केंद्र के बारे में सूचित करने में देरी हुई।

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