राजस्थान

रिश्वत लेने के आरोप में पकडे गये विकास अधिकारी को चार वर्ष का कारावास

भीलवाड़ा 29 अप्रैल : राजस्थान के भीलवाड़ा में रिश्वत लेने के मामले में पकडे गये सुवाणा पंचायत समिति के तत्कालीन विकास अधिकारी भरतकुमार मेघवाल को न्यायालय ने आज चार वर्ष का कारावास की सजा सुनाई।

विशिष्ट लोक अभियोजक कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि रीछड़ा निवासी और ग्राम पंचायत रीछड़ा के तत्कालीन सरपंच देवकिशन गुर्जर ने 18 जून 2009 को एसीबी एसपी, अजमेर के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया कि उसने ग्राम पंचायत रीछड़ा की नरेगा योजना के पक्के निर्माण कार्यों के बिल बाउचर 20-25 दिन पहले पंचायत समिति सुवाणा में पेश किये थे। इन बिल बाउचर की राशि 38 लाख 80 हजार रुपये के लगभग की है। जिसमें से 27 लाख 38 हजार रुपये के लगभग रुपये ग्राम पंचायत को अग्रिम दे दिये गये थे। शेष राशि करीब 11 लाख 42 हजार रुपये का पंचायत समिति से ग्राम पंचायत को भुगतान के लिए चैक् लेना था।

ये चैक देने की एवज में विकास अधिकारी एवं नरेगा कार्यक्रम अधिकारी उदयपुर निवासी एवं पंचायत समिति सुवाणा के तत्कालीन विकास अधिकारी भरतप्रकाश मेघवाल ने परिवादी से 5 हजार रुपये की रिश्वत ली। मेघवाल ने उससे कहा कि चौक राशि का दो प्रतिशत के हिसाब से उसे खर्चा दे देना। शेष रिश्वत राशि चौक बैंक से क्लियर होने के बाद लाकर दे देना।

सरपंच गुर्जर ने शिकायत में उक्त अधिकारी को रिश्वत नहीं देकर रंगे हाथ पकड़वाने की बात कही। एसीबी ने ट्रैप की योजना तैयार कर परिवादी को 6 हजार रुपये के साथ पंचायत समिति सुवाणा भेजा। सरपंच गुर्जर ने पंचायत समिति स्थित कमरे में बैठे विकास अधिकारी मेघवाल को कमीशन के रूप में उक्त रिश्वत राशि दी। मेघवाल ने यह राशि लेकर पेंट की जेब में रख ली।

विशिष्ट लोक अभियोजक शर्मा ने बताया कि मेघवाल को 20 जून 2009 को जमानत मिली थी। एसीबी ने इस मामले में तफ्तीश के बाद एसीबी कोर्ट में चालान पेश किया। न्यायालय ने सुनवाई पूरी करते हुये शनिवार को आरोपित मेघवाल को 4 साल की सजा व जुर्माने से दंडित किया। विशिष्ट लोक अभियोजक का कहना है कि भरतप्रकाश मेघवाल अभी उदयपुर पीडब्लूडी में अधिशाषी अभियंता के पद पर कार्यरत है।

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