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खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने पर ओडिशा विस में

भुवनेश्वर 18 जुलाई : ओडिशा विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल के दौरान राज्य के गरीब लोगों द्वारा उपभोग की जाने वाली कुछ खाद्य वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने को लेकर सदस्यों ने काफी हंगामा
किया।

विपक्षी कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचो बीच में आ गए और नारेबाजी की तथा कुछ खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का विरोध जताया। जैसे-जैसे विरोध बढ़ता गया, अध्यक्ष बिक्रम केशरी अरुख को सदन को दो बार स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पहले 1150 बजे दस मिनट के लिए और फिर 1205 बजे से 1600 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित रही।

कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष से खाद्य पदार्थों पर कर को वापस लेने की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव पारित करने की अनुमति देने का आग्रह किया।उन्होंने इस मुद्दे पर सदन में वित्त मंत्री से बयान देने की भी मांग की।

गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की बैठक में कुछ पैकेज्ड और लेबल वाली वस्तुओं पर कर छूट को हटाने का फैसला करने के बाद फूला हुआ चावल, चपटा चावल, पके हुए चावल, चावल, गेहूं, दही, लस्सी, गुड़ और दूध जैसे कई खाद्य पदार्थों पर सोमवार से पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हुआ।


इस मुद्दे को पहले तारा प्रसाद बहिनीपति (कांग्रेस) ने उठाया था और बाद में उनकी पार्टी के सहयोगियों संतोष सिंह सलूजा और सुरेश चंद्र राउतराय ने इसका समर्थन किया। सदस्यों ने कहा कि ओडिशा में, फूला हुआ चावल, चपटा चावल, पैच चावल, दही, दूध, गुड़ गरीब लोगों द्वारा खाया जाता है और मंदिरों में प्रसाद के रूप में भी चढ़ाया जाता है।

 

विपक्षी सदस्यों का कहना था कि यदि इन वस्तुओं पर कर लगाया जाता है, तो गरीब लोग प्रभावित होंगे और शिशु आहार महंगा हो जाएगा। आक्रोशित कांग्रेसी सदस्य अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करने लगे और उन्हें वापस लेने की मांग की।

 

इस पर अध्यक्ष ने सदस्यों से अपील की कि वे अपने-अपने स्थान पर लौट आएं और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें। कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष की अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया तथा नारेबाजी करना रखा। अध्यक्ष को सदन को दो बार स्थगित करने के लिए मजबूर किया।

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