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ओडिशा में विकास को गति देने के लिए पीपीपी नीति को मंजूरी

भुवनेश्वर, 11 अगस्त: ओडिशा मंत्रिमंडल ने राज्य में सार्वजनिक निजी भागीदारी पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को गति प्रदान करने के लिए शुक्रवार को पीपीपी नीति को मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्य सचिव पी के जेना ने संवाददाताओं से कहा यह नीति पीपीपी निदेशालय, वित्त विभाग द्वारा तैयार की गई है जिससे राज्य को पीपीपी पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल होने में सहायता मिल सके।
पीपीपी का उद्देश्य निजी क्षेत्र के जोखिम और प्रतिफल के बीच एक इष्टतम संतुलन स्थापित करना है। इस नीति का मूलभूत लाभ राज्य को लंबे समय तक बेहतर और सस्ती सेवाओं के लिए मूल्य प्रदान करना है। यह नीति राज्य और केंद्र सरकार के धन से लाभ उठाएगी, निजी निवेश का समर्थन करेगी और सामाजिक अवसंरचना पर बल देते हुए इष्टतम लागत पर बेहतर अवसंरचना और सेवा प्रदान करने के लिए निजी क्षेत्र की क्षमता, अभिनव सूचना और लचीलेपन का उपयोग करने के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करेगी।
नीति के अनुसार, पीपीपी परियोजनाओं के लिए न्यूनतम 500 करोड़ रुपये निवेश की आवश्यकता होगी और उच्च स्तरीय मंजूरी प्राधिकरण द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होगी। अवसंरचना पर अधिकार प्राप्त समिति (ईसीआई) को 10 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार होगा। यह नीति सभी प्रतिभागियों के लिए समान अवसर भी उत्पन्न करेगी और सभी हितधारकों के हितों की रक्षा करेगी और परियोजनाओं को त्वरित मंजूरी प्रदान करने के लिए एक संस्थागत तंत्र का भी निर्माण करेगी।
जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक जिला परियोजना समिति होगी और वह प्रमुख प्रशासनिक एजेंसियों और प्रमुख उद्योग संघों के प्रतिनिधित्व के साख पीपीपी अवसंरचना परियोजनाओं के कार्यान्वयन का समन्वय एवं सुविधा प्रदान करेगी। इस नीति में पीपीपी परियोजनाओं की व्यवहार्यता को बढ़ावा देने के लिए व्यवहार्य गैप वित्तपोषण और ओडिशा अवसंरचना विकास निधि के अंतर्गत कई सरकारी प्रोत्साहन और सहायता शामिल हैं।

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