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पूर्व सांसद अतीक ने सुप्रीम कोर्ट से की सुरक्षा गुहार, कहा ‘उप्र पुलिस मुझे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है’

नयी दिल्ली, 01 मार्च : उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद अतीक अहमद ने एक गवाह की हत्या से जुड़े मामले में उसे गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज स्थानांतरित करने के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

शीर्ष अदालत के समक्ष दायर रिट याचिका में अतीक ने तर्क दिया है कि वह लगातार पांच बार विधायक और एक बार सांसद निर्वाचित हुआ था। उसे डर है कि जेल स्थानांतरण के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस फर्जी मुठभेड़ में उसे जान मार सकती है।

पूर्व सांसद ने अपनी याचिका में जीवन की रक्षा के लिए दिशा-निर्देश की गुहार शीर्ष अदालत से लगाई है। यह भी सुनिश्चित करने की गुहार लगाई गई है कि अहमदाबाद से प्रयागराज जेल या उत्तर प्रदेश के किसी हिस्से में स्थानांतरित करते वक्त “पुलिस हिरासत/रिमांड/पूछताछ के दौरान किसी भी तरह से उसे कोई शारीरिक चोट या नुकसान नहीं पहुंचे।

इलाहाबाद (पश्चिम) निर्वाचन क्षेत्र के तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में अतीक अहमद और उसके भाई सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। हत्या के इस मामले में एक गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में गत 25 फरवरी को हत्या कर दी गई थी। गवाह की हत्या के इस मामले में पूर्व सांसद अहमद की पत्नी, चारों बेटों और भाई को “मात्र संदेह” के आधार पर आरोपी बनाया गया था।

अपनी याचिका में अतीक ने कहा है कि शीर्ष अदालत इस तथ्य पर गौर कर सकती है कि याचिकाकर्ता के पास उन्हें (उमेश को) मारने का कोई मकसद नहीं है, क्योंकि मुकदमे की सुनवाई अगले महीने समाप्त होने वाली है। साथ ही, मुकदमे में उमेश पाल के पास कुछ भी करने के लिए नहीं बचा था और अदालत को तर्कों के बाद मामले का फैसला करना है।

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