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लुधियाना के दरेसी मैदान में 110 फीट ऊंचे पुतले का होगा दहन

जालंधर 04 अक्तूबर: पंजाब में कोरोना काल के दो साल बाद दशहरा पर्व को लेकर लोगों में भारी जोश देखा जा रहा है। कई स्थानों पर 45 से लेकर 110 फीट तक ऊंचे पुतले दहन की तैयारी की जा चुकी है।

लुधियाना के दरेसी मैदान में विजयादशमी पर 110 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। अभी दरेसी मैदान में कारीगर कड़ी सुरक्षा के बीच पुतले को तैयार कर रहे हैं। दरेसी मैदान में दशहरा मेला भी लग गया है। दशहरे को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इसके अलावा शहर में कई जगह पर दशहरा मेले का आयोजन किया गया है। इसमें लोगों की भीड़ भी उमड़ रही है। बुधवार को शहर में दरेसी मैदान के अलावा उपकार नगर, राजगुरू नगर, चंडीगढ़ रोड, जमालपुर, दुगरी, सिविल लाइंस समेत कई इलाकों में दशहरा उत्सव मनाया जाएगा।

श्री रामलीला कमेटी दरेसी की तरफ से इस बार 110 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इसके अलावा उपकार नगर में इस बार 65 फीट ऊंचा रावण बनाया जा रहा है। इसके अलावा श्रीराम का डोला भी निकाला जा रहा है। पिछले दो साल कोविड के कारण दशहरा पर्व को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं था। वहीं इस बार लोग बड़ी संख्या में मेले, यात्राओं में पहुंच रहे हैं। शहर की आबोहवा राममय हो गई है।

जालंधर में दशहरे पर बारह जगह पर रावण दहन होंगे। चार अक्टूबर को दोपहर 2:20 पर दशमी तिथि शुरू हो जाएगी, लेकिन विजयादशमी उत्सव का आयोजन पांच अक्टूबर को होगा। हिंदू पंचांग और सनातन धर्म के मुताबिक उदय तिथि के साथ ही शुरू होने वाले व्रत एवं त्योहार मनाए जाने का विधान है।

शहर में होने वाले आयोजनों में श्री महाकाली मंदिर दशहरा कमेटी की तरफ से साईं दास स्कूल के मैदान में सबसे ऊंचा 65 फुट का रावण, 60 फुट का मेघनाद एवं 55 फुट का कुंभकरण का पुतला फूंका जाएगा। इसी तरह दूसरे नंबर पर गवर्नमेंट ट्रेनिंग कालेज की ग्राउंड लाडोवाली रोड में 55, 50 व 45 फुट के पुतले फूंके जाएंगे।

श्री राम दशहरा कमेटी के प्रधान एवं पूर्व विधायक राजिंदर बेरी ने बताया कि दशहरा उत्सव से पूर्व आतिशबाजी प्रतियोगिता कराई जाएगी। इसमें पटाखों के साथ लंका को भव्य रूप से सजाया जाएगा। इसी तरह देवी तालाब दशहरा कमेटी के प्रधान पूर्व मेयर सुरेश सहगल बताते हैं कि पिछले 100 सालों से दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है। इसे मर्यादित ढंग से मनाने के लिए रावण के पुतले के दहन से पूर्व पुरोहितों द्वारा इसकी पूजा की जाएगी।

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