पाकिस्तान के विदेश मंत्री भुट्टो का भाजपा ने सिरसा में फूंका पुतला
सिरसा 17 दिसंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की ओर से दिए गए आपत्तिजनक बयान पर सिरसा में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सुभाष चौक पर एकत्रित होकर रोष का इजहार किया। इस मौके पर श्री बिलावल भुट्टो जरदारी के पुतले की जूतों से पिटाई करने के बाद दहन किया।
इस मौके पर उपस्थित भाजपाईयों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’,‘बिलावल भुट्टो जरदारी मुर्दाबाद’ , ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ व ‘पीएम मोदी जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए।
श्री भुट्टो की ओर से द्वारा यूनेस्को में की गई टिप्पणी को शर्मनाक बताते हुए हरियाणा भाजपा जिला उपाध्यक्ष नीरज बांसल ने कहा कि श्री भुट्टो की इस सोच से साबित होता है कि वे अपना दिमागी संतुलन खो बैठे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को पाक पचा नहीं पा रहा है और इस प्रकार की उलूल-जुलूल बयानबाजी कर पाकिस्तान अपनी खीझ उतार रहा है।
श्री बांसल ने कहा कि श्री बिलावल भुट्टो के बयान ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से कभी नहीं सुधरने वाला। उनके देश में भूखमरी है, लेकिन वे भारत पर कटाक्ष करके अपने देश की जनता का विरोध नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिलावल भुट्टो को अपनी मानसिक स्थिति का उपचार करा लेना चाहिए, ताकि वे अपनी ऊर्जा को पाकिस्तान की भलाई में लगाएं ना कि भारत के बारे में अनाप-शाप बातें बोलने में।
जिला महामंत्री अमन चोपड़ा ने कहा कि श्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपने देश व स्वयं का परिचय इस वक्तव्य से दे दिया है, भाजपा जनता पार्टी जिला सिरसा इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। उन्होंने यह भी कहा कि श्री बिलावल भुट्टो के बयान ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से कभी नहीं सुधरने वाला। उनके देश में भुखमरी है, लेकिन वे भारत पर कटाक्ष करके अपने देश की जनता का विरोध नजरअंदाज कर रहे हैं। वह दिन दूर नहीं, जब पाकिस्तान में आंतरिक युद्ध होगा। वहां की जनता लगातार विद्रोह भी कर रही है। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट में साफ पता चलता है कि वहां किस तरह से जनता पिस रही है। पाकिस्तान को कारगिल युद्ध, सर्जिकल स्ट्राइक नहीं भूलनी चाहिए। पाकिस्तान को हर बार मुंह की खानी पड़ी है।
इस मौके पर पदम जैन,सुरेश पंवार, रेणू शर्मा, नीरज बांसल,रोहित मेहता, भावना शर्मा एडवोकेट, अनिल सोलंकी व रतन फ्रंड भी मौजूद थे।