र्वोत्तर राज्यों के चार दिवसीय दौरे पर 11 जनवरी को त्रिपुरा पहुंचेगी ईसीआई की टीम
अगरतला, 07 जनवरी : भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयोग (ईसीआई) का 16 सदस्यीय दल आगामी विधानसभा की तैयारियों की समीक्षा के लिए 11 जनवरी को त्रिपुरा से पूर्वोत्तर के चुनावी राज्यों का चार दिवसीय दौरा शुरू करेगा।
त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) किरण गित्ते ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि इस टीम में तीन चुनाव आयुक्त और 13 अन्य अधिकारी शामिल हैं। यह टीम 11 जनवरी को राजनीतिक दलों, अन्य हितधारकों और चुनाव अधिकारियों के साथ अलग से बैठक करने के लिए यहां पहुंचेंगी। उन्होंने बताया कि उनके शहर में चुनाव व्यवस्था को देखने के लिए अधिकारी कुछ स्थानों का दौरा सकते हैं। यह टीम 12 जनवरी को शिलांग के लिए रवाना हो जाएगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ईसीआई प्रतिनिधिमंडल 13 जनवरी को मेघालय के राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ इसी तरह की बैठक करेगा और 14 जनवरी को टीम चुनाव तैयारी की समीक्षा के लिए नागालैंड रवाना हो जाएगी।
कयास लगाए जा रहे है कि दिल्ली लौटने के बाद आयोग त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
ईसीआई फरवरी के दूसरे सप्ताह से पहले इन राज्यों में चुनाव कराने की योजना बना रहा है, क्योंकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 15 फरवरी से दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा पहले ही कर दी है।
निर्वाचन कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्र स्थापित करने के अलावा, राज्य सरकार ने उन स्कूलों में केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) के ठहरने की व्यवस्था की है, जहां परीक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। इसलिए परीक्षा से कम से कम दो दिन पहले स्कूलों को खाली करना होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले 28 दिसंबर को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीएपीएफ) की 50 कंपनियां पहले ही राज्य में आ चुकी हैं और अन्य 50 कंपनियां पहले से ही रास्ते में हैं और वे अगले कुछ दिनों में एक विशेष ट्रेन से पहुंचेंगी।
त्रिपुरा में स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए हालांकि केंद्रीय बल की 100 कंपनियां तैनात होंगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया को हिंसा मुक्त सम्पन्न कराने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में हिंसा की 370 शिकायतें दर्ज की गई थी, जो कि त्रिपुरा जैसे किसी भी छोटे राज्य के लिए बहुत अधिक थी और इसने राज्य में निराशाजनक स्थिति पैदा हुई। उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए मिशन जीरो पोल वायलेंस लॉन्च किया गया है।
सीईओ गिट्टे ने कहा कि प्रत्येक थाना जमीनी स्तर के इनपुट के आधार पर शत-प्रतिशत हिंसा-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपनी रणनीति बनाएगा। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में मतदान में सुधार के लिए ईसीआई ने राज्य भर के 929 मतदान केंद्रों में सुधार के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए जागरूकता अभियान के तहत राज्य चुनाव प्राधिकरण ने हर घर के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया है, जिसका मूल्यांकन जूरी द्वारा किया जाएगा और हर विधानसभा क्षेत्र के विजेताओं को पुरस्कार दिए जाएंगे।
त्रिपुरा की अंतिम मतदाता सूची में 28,13,478 मतदाता हैं, जिनमें 14,14,576 पुरुष, 13,98,825 महिलाएं और 77 उभयलिंग के मतदाता हैं। इनमें 10,344 सेवारत मतदाता हैं। वहीं, 80 आयु वर्ग में अधिक के 38,039 मतदाता हैं और शतायु वर्ग में 679 मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि 18-19 वर्ष के आयु वर्ग के बीच 65,044 मतदाता पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें 34,704 युवक, 30,328 युवतियां और 12 उभयलिंगी हैं।