बिजली इंजीनियर-कर्मचारी नौ अगस्त को करेंगे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन: गुप्ता
जालंधर, 03 अगस्त : केंद्र सरकार द्वारा बिजली संशोधन विधेयक-2022 को संसद में पेश करने के विरोध में देश भर के पावर इंजीनियर और कर्मचारी नौ अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने बुधवार को कहा कि मंगलवार को दिल्ली में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) द्वारा बुलाए गए राष्ट्रीय सम्मेलन में फैसला लिया गया था कि नौ अगस्त के प्रदर्शन के अलावा जिस दिन बिजली संशोधन विधेयक 2022 संसद में पेश किया जाएगा, उसी दिन सभी बिजली कर्मचारी तुरंत काम बंद कर देंगे और बड़े पैमाने पर विरोध करेंगे।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन में कई प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों ने आकर इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 को जनविरोधी बताते हुए बिजली कर्मचारियों के संघर्ष को पुरजोर समर्थन देने की घोषणा की। मुख्यतया: आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, तेलंगाना राष्ट्र समिति के नागेस्वर राव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारन करीम, तृणमूल कांग्रेस के डोला सेन, माकपा के बिनय बिस्वास, कॉमरेड तपन सेन, संयुक्त किसान मोर्चा के हन्नान मुल्ला, समाजवादी पार्टी के श्याम सुंदर सिंह एलएलसी ने सम्मेलन में संबोधन किया और समर्थन दिया।
राष्ट्रीय सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) विधेयक, 2022 के जरिए केंद्र सरकार निजी कंपनियों को सरकारी क्षेत्र के विद्युत वितरण कंपनी का नेटवर्क इस्तेमाल कर मुनाफा कमाने का मौका देना चाहती
है। विद्युत वितरण कंपनियों का यह नेटवर्क आम जनता के पैसे से अरबों खरबों रुपए खर्च करके बनाया गया है। चूंकि संशोधन विधेयक में यूनिवर्सल पावर सप्लाई ऑब्लिगेशन अर्थात सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली देने का दायित्व केवल सरकारी कंपनी का होगा, अतः निजी कंपनियां घाटे वाले किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली नहीं देंगे। निजी कंपनियां सरकारी कंपनी का नेटवर्क प्रयोग कर सरकारी कंपनी से मुनाफे वाले इंडस्ट्रियल और कमर्शियल उपभोक्ताओं को छीन लेंगे परिणाम स्वरूप सरकारी क्षेत्र की कंपनी का घाटा और बढ़ जाएगा और अंततः बीएसएनएल की तरह सरकारी क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनी कंगाल हो जाएगी और इसका नेटवर्क भी कौड़ियों के दाम निजी कंपनियों को दे दिया जाएगा।
श्री गुप्ता ने कहा संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने दो अगस्त को सभी राजनीतिक दलों के संसदीय दल के नेताओं को बुलाकर यह बताया कि केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 संसद के मानसून सत्र में रखा जाएगा और पारित कराया जाएगा। श्री संजय सिंह और ई करीम तथा विपक्ष के अन्य नेताओं ने इसका प्रबल विरोध किया और माँग की कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 को सभी स्टेक होल्डर्स से विस्तृत चर्चा के लिए संसद की बिजली मामलों की संसदीय समिति को रेफर किया जाये लेकिन इस संबंध में श्री जोशी ने कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया।
देश के विभिन्न प्रांतों से आए हुए कर्मचारी और इंजीनियर प्रतिनिधियों केंद्र सरकार से मांग की कि व्यापक जनहित में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 वापस लिया जाए और यदि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में संशोधन करना अनिवार्य है तो मेजर स्टेकहोल्डर बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं से विस्तृत चर्चा करने के लिए अमेंडमेंट बिल को बिजली मामलों की संसद की संसदीय समिति को संदर्भित किया जाए।