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त्रिपुरा में एक सप्ताह में दुष्कर्म का पांचवां मामला,दर्ज नहीं हुई एफआईआर

अगरतला, 30 अक्टूबर : त्रिपुरा के पानीसागर पुलिस पर अपराध क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए चार दिन पहले सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुयी महिला की प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया गया है।

राज्य में एक सप्ताह में सामूहिक दुष्कर्म की पांचवीं घटना है।
पीड़ितों के मुताबिक 26 अक्टूबर की शाम उसके साथ उसके पति और अन्य ने कार में सामूहिक दुष्कर्म किया।
उसने बताया कि उनोकोटि जिले के कैलाशहर में देर रात बदमाशों ने उसे सुनसान सड़क पर छोड़ दिया और फरार हो गए। महिला ने रात में ही मामले की शिकायत कैलाशहर महिला थाने में की थी।

पीड़िता पानीसागर की रहने वाली है इसलिए कथित तौर पर महिला पुलिस ने पानीसागर पुलिस थाने को मामले की जानकारी दी और ओसी पानीसागर ने पीड़िता को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए उनके पुलिस थाने भेजने की सलाह देने का दावा किया।
पीड़िता के मामलो पानीसागर पुलिस थाने भेज दिया गया जहां उसे कथित रूप से प्रताड़ित किया गया।

पीड़ित महिला ने मीडिया को बताया कि उसकी शिकायत अभी तक दर्ज नहीं की गई है, क्योंकि पानीसागर में पुलिस ने कैलाशहर पुलिस स्टेशन से ‘कोई प्राथमिकी नहीं’ रिपोर्ट लेने की सलाह दी है क्योंकि घटना की जगह कैलाशहर के अधिकार क्षेत्र में आती है। उसने कहा, “ड्यूटी पर पुलिस अधिकारी ने कैलाशहर से रिकॉर्ड पेश करने तक मेरी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया।”
पीड़िता के बयान के अनुसार उसकी शादी दो साल पहले कैलाशहर के ईरानी गांव के कमाल हुसैन (37) से हुई थी। लेकिन कमल की दूसरी शादी करने के बाद एक साल पहले उन्हें परिवार से बेदखल कर दिया गया था।

उसने बताया कि हाल ही में कमल ने पीड़िता से फोन पर संपर्क किया और उसे विश्वास दिलाया कि वह दूसरी पत्नी को तलाक दे देगा और पीड़िता के साथ रहने लगेगा।

उसने कहा,“ मुझे उनकी बातचीत पर भरोसा था और 26 अक्टूबर को वह मुझसे मिलने आए, अचानक उन्होंने मुझे गाड़ी में बैठने के लिए मजबूर किया और कुछ समय बाद कैलाशहर की ओर ले गये वहां से एक अज्ञात व्यक्ति गाड़ी में सवार हुआ और कमल तथा ड्राइवर की मौजूदगी में उसने मेरे साथ बलात्कार किया। बाद में कमल ने भी दो अन्य लोगों की मौजूदगी में कार में मेरे साथ दुष्कर्म किया।”

उसने बताया कि करीब तीन घंटे के बाद रात में उन्होंने उसे सुनसान जगह पर छोड़ दिया। वह किसी तरह स्थानीय लोगों की मदद से कैलाशहर थाने पहुंची।

पीड़िता के पिता ने बताया कि इसके बाद से उनकी बेटी को मामला दर्ज करने में परेशानी का सामना करना पड़ा और तीन दिनों से वह पुलिस थाने जा रही है लेकिन न तो उसका मेडिकल परीक्षण और न ही आरोपी के खिलाफ जांच शुरू की गई है।

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