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ठोस, तरल कचरा प्रबंधन के लिए देश भर में हरियाणा सरकार उठा रही अच्छे कदम: न्यायमूर्ति कुमार

चंडीगढ़, 04 नवंबर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने कहा है कि ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार देशभर में सबसे अच्छे कदम उठा रही है।

एनजीटी की ओर से जारी आदेशों को प्रदेश सरकार प्रमुखता से लेकर उन पर कार्य करती है। इसी का उदाहरण है कि सरकार ने तत्काल ट्रीटमेंट वाटर को लेकर पॉलिसी बनाई है। ठोस एवं तरल कचरे का प्रबंधन अतिआवश्यक है। इसके दुष्परिणाम हम सभी के लिए हैं सभी को इसके लिए प्रयास करना चाहिए।

जस्टिस आदर्श कुमार गोयल शुक्रवार को तरल और ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नई तकनीकों पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे।

जस्टिस गोयल ने कहा कि हरियाणा ने यमुना में प्रदूषण को लेकर सख्त कार्रवाई की है। सोनीपत और पानीपत से निकलने वाले औद्योगिक कचरे को यमुना में डालने पर रोक लगाई है और वहां पर एसटीपी स्थापित किए हैं। उन्होंने हरियाणा को ट्रीटेड पानी को नदियों में न डालने को लेकर कहा तो हरियाणा ने इस ट्रीटेड पानी को भी नदियों में डालना बंद कर दिया है और इसका पुनः उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। यह बेहद सराहनीय कार्य है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश के राज्यों को हरियाणा की तरह कचरा प्रबंधन की समस्या के समाधान के लिए आनरशिप लेनी होगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ठोस कूड़ा प्रबंधन व वाटर ट्रीटमेंट के छोटे-छोटे प्रोजेक्ट लगाने पर काम होना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए नई तकनीकों पर आधारित सेमिनार का आयोजन किया गया है। बड़े प्रोजेक्ट तो लगाए ही जा रहे हैं लेकिन आज छोटे-छोटे प्रोजेक्ट की भी आवश्यकता है, जो किसी कॉलोनी, मोहल्ले व सोसायटी आदि में भी लगाए जा सकें। कचरा प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार आगे बढ़कर काम कर रही है और अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रही है लेकिन समाज को भी जागरुक होना पड़ेगा और अपना योगदान देना होगा, तभी इस समस्या का समाधान होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें ट्रीटेड पानी का ज्यादा से ज्यादा पुनः इस्तेमाल करना चाहिए। हम हर दिन घरों में गाड़ी धोने, टॉयलेट, बागवानी के लिए ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रदेश में 750 क्यूसिक ट्रीटेड पानी इस्तेमाल कर रहे हैं तथा 2030 तक 80 प्रतिशत ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश में कहीं भी एसटीपी लगाने से पहले उससे ट्रीटेड होने वाले पानी का पुनः इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा। ”

मुख्यमंत्री ने कहा, “ हमें भावी पीढ़ी को धन-दौलत के साथ-साथ स्वच्छ पेय जल की विरासत भी देनी होगी और तभी सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना बनाई है। प्रदेशभर में तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। पहले तालाब का पानी बेहद स्वच्छ होता था, जिसे हम पी भी सकते थे लेकिन अब तालाब दूषित हो रहे हैं और यह पशुओं को पानी पिलाने लायक भी नहीं बचे हैं। ऐसे में हरियाणा सरकार ने पौंड आथॉरिटी बनाई है। प्रदेश में 18 हजार तालाब हैं, इनमें से 1726 तालाबों को चिन्हित किया गया है। अभी तक 611 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा किया जा चुका है। एक-एक करके जल्द ही पूरे प्रदेश के सभी तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति प्रीतमपाल, विधायक सीमा त्रिखा, विधायक नरेंद्र गुप्ता, विधायक नयनपाल रावत, विधायक राजेश नागर, विधायक नीरज शर्मा, मुख्य सचिव संजीव कौशल, एसीएस सुधीर राजपाल, एसीएस विनीत गर्ग, एसीएस अरुण कुमार गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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