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मनोरंजन-बी.आर.चोपड़ा युगपुरूष दो अंतिम मुंबई

बी.आर. चोपड़ा ने आशा भोंसले की प्रतिभा को पहचाना और अपनी फिल्म ..नया दौर.. में गाने का मौका दिया। यह फिल्म आशा भोंसले के सिने कैरियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में मोहम्मद रफी और आशा भोंसले के गाये युगल गीत बहुत लोकप्रिय हुये जिनमें ..मांग के साथ तुम्हारा.. ..उड़े जब जब जुल्फें तेरी..गीत शामिल हैं।फिल्म ..नया दौर .. की कामयाबी के बाद ही आशा को अपना सही मुकाम हासिल हुआ। इसके बाद बी.आर. चोपड़ा ने आशा को अपनी कई फिल्मों में गाने का मौका दिया। इन फिल्मों में वक्त .गुमराह हमराज आदमी और इंसान और धुंध प्रमुख हैं। आशा भोंसले के अलावा पार्श्वगायक महेन्द्र कपूर को भी हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने में बी.आर.चोपड़ा की अहम भूमिका रही।

अस्सी के दशक में स्वास्थ्य खराब रहने के कारण बी.आर.चोपड़ा ने फिल्म का निर्माण करना कुछ कम कर दिया।वर्ष 1985 में बी.आर .चोपड़ा ने दर्शकों की नब्ज पहचानते हुये छोटे पर्दे की ओर भी रूख कर लिया । दूरदर्शन के इतिहास में अब तक सबसे कामयाब सीरियल ..महाभारत.. के निर्माण का श्रेय भी बी.आर. चोपड़ा को ही जाता है । लगभग 96 प्रतिशत दर्शकों तक पहुंचने के साथ ही इस सीरियल ने अपना नाम ..गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज कराया।

बी.आर.चोपड़ा को मिले सम्मान पर यदि नजर डाले वर्ष तो वह 1998 में हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किये गये। इसके अलावा वर्ष 1960 में प्रदर्शित फिल्म ..कानून ..के लिये वह सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये।बहुमुखी प्रतिभा के धनी बी.आर.चोपड़ा ने फिल्म निर्माण के अलावा बागवान और बाबुल की कहानी भी लिखी। अपनी निर्मित फिल्मों से दर्शकों के बीच खास पहचान बनाने वाले फिल्मकार बी.आर. चोपड़ा 05 नवंबर 2008 को इस दुनिया को अलविदा कह गये ।

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