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तमिलनाडु विस में केंद्र से राज्यपाल को निश्चित समय में विधेयक को मंजूरी संबंधी प्रस्ताव पारित

चेन्नई 10 अप्रैल : तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र सरकार और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राज्यपाल आर.एन. रवि को एक निश्चित अवधि में विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी प्रदान करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया।

मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने प्रस्ताव पेश किया और विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावु ने घोषणा किया कि इस विधेयक को ध्वनिमत से सर्वसम्मति से पारित किया गया। मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा से बर्हिगमन किया।

इस वर्ष राज्यपाल के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा पेश किया गया यह दूसरा प्रस्ताव है, इससे पहले जनवरी में भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया गया था, जब राज्यपाल ने सदन में अपने पारंपरिक नववर्ष संबोधन में द्रमुक सरकार के द्रविड़ मॉडल के मसौदे के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया था।

प्रस्ताव पेश करते हुए श्री स्टालिन ने कहा कि दूसरी बार राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के लिए वह मजबूर हैं क्योंकि सरकार अवांछित परिस्थितियां उत्पन्न नहीं होने देना चाहती है।

श्री स्टालिन ने राज्यपाल पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए काम करने और ‘राजभवन को राजनीतिक भवन’ में परिवर्तित करने का आरोप लगाया। उन्होंने न्यायमूर्ति राजमन्नार समिति की टिप्पणी को याद किया कि यह समय राज्यपाल पद को समाप्त करने के लिए उपयुक्त है और राज्यपाल को एक तटस्थ व्यक्ति होना चाहिए।”

आज का प्रस्ताव राज्यपाल की उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में पारित किया गया हैं जिसमें उन्होंने कुछ दिन पहले राजभवन में सिविल सेवा के उम्मीदवारों के साथ बातचीत में कहा था कि अगर कोई राज्यपाल विधानसभा की ओर से पारित विधेयक को मंजूरी नहीं देता है तो इसका मतलब है कि विधेयक समाप्त हो चुका है।

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