वाम मोर्चा ने चुनावी घोषणापत्र में लोकतंत्र बहाली का किया दावा
अगरतला 03 फरवरी : त्रिपुरा में विपक्षी वाम मोर्चा ने शुक्रवार को अपना चुनावी घोषणापत्र 22 प्रमुख वादों के साथ जारी किया। घोषणापत्र में लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को वापस लाने और कानून व्यवस्था की बहाली करने की प्रतिबद्धता शामिल है जिसे सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले पांच वर्षों से कम कर दिया था।
वाम मोर्चा के संयोजक नारायण कार ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया है कि पिछले पांच सालों से राज्य में फासीवादी शासन चल रहा है और त्रिपुरा के लोगों ने अपने अधिकारों को खो दिया और लोकतंत्र की हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा कि अपराध, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक वर्ग लोगों का पैसा लूट रहा है और बाहर के व्यापारियों ने राज्य में सब कुछ कब्जा कर लिया है। भाजपा-
इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) सरकार ने राज्य को विनाश के करीब खींच लिया है और लोग अब आजादी चाहते हैं और इसके लिए वाम दल और कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ेगी और हमें विश्वास है कि हम 2023 में सरकार बनाएंगे।
मोर्चा ने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया है कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो वे राजनीतिक हिंसा में प्रभावित परिवारों को न्याय सुनिश्चित करेंगे, दिहाड़ी मजदूरों को लाभ देंगे और कृषि को पुनर्जीवित करेंगे।
श्री कर ने वादा किया पार्टी सरकारी नौकरी उपलब्ध कराएगी और रिक्त पदों का भरेगी तथा शिक्षा के लिए अच्छा और नशे खिलाफ काम करेगी।
घोषणापत्र में कहा गया है कि हम महिलाओं के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएंगे। अगर हम सत्ता में आए तो 10,323 बर्खास्त किए गए शिक्षकों को सरकारी नौकरियां उपलब्ध कराकर उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए काम करेंगे और अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए विकास कार्य किए जायेंगे।
उन्होंने कहा कि हम कानून और व्यवस्था बहाल करेंगे और प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेंगे। यह घोषणापत्र जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए है तथा हमें विश्वास है कि वाम मोर्चा कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाएगा और भाजपा को राज्य से बाहर कर देंगे।