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मुर्मू त्रिपुरा में डिजिटल संग्रहालय का शिलान्यास करेंगी

अगरतला 24 सितंबर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आगामी 14 अक्टूबर को प्रस्तावित अपने त्रिपुरा दौरे में 105 साल पुराने ऐतिहासिक पुष्पबंता पैलेस में डिजिटल संग्रहालय का शिलान्यास करेंगी।

राज्य के पर्यटन मंत्री प्रणजीत सिंघा राॅय ने पत्रकारों को बताया कि उनके विभाग ने एक सदी पुराने महल को डिजिटल संग्रहालय में तब्दील करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और इसके लिये 40 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। पदभार संभालने के बाद पहली बार पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर रहीं श्रीमती मुर्मू ने संग्राहलय के शिलान्यास के लिये अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में पर्यटन उद्योग के विकास के लिए गंभीरता से काम कर रही है और पिछले चार सालों में पर्यटन क्षेत्र में आमूलचूल सुधार किये गये हैं जिससे पर्यटन स्थलों में लोगों की संख्या कई गुना इजाफा हुआ है। सभी ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों का जीर्णोद्धार किया गया है और इन्हें आधुनिक सुख सुविधाओं से लैस किया गया है। इसके अलावा होटल, फूड पार्क और परिवहन समेत अन्य सेवाओं को पर्यटक-अनुकूल प्रावधानों के दायरे में लाया गया है।

मंत्री ने कहा कि अपनी नैसर्गिक सुंदरता और पर्यटन स्थलों के कारण त्रिपुरा देश के पर्यटकों का पंसदीदा राज्य बन चुका है। उन्होंने कहा ,“तीर्थयात्रा जीर्णोद्धार और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के तहत त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में एक ही परिसर में सभी 51 शक्ति देवी की प्रतिकृति स्थापित करने का काम शुरू हो गया है। पर्यटन मंत्रालय ने मंदिर क्षेत्र में नवीनीकरण और सुविधाओं को जोड़ने के लिए 44 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।”

उन्होंने कहा कि सरकार ने मंदिर के चारों ओर 14.22 एकड़ भूमि भी आवंटित की है, जहां एशिया के विभिन्न देशाें में स्थित सभी 51 शक्तिपीठों के मंदिर और मूर्तियों का निर्माण एक स्थान पर किया जाएगा। इन 51 शक्तिपीठों में से 38 भारत में है जबकि छह बांग्लादेश में, तीन नेपाल में, दो पाकिस्तान में और तिब्बत और श्रीलंका में एक-एक हैं। हर श्रद्धालु के लिये अपने जीवन में सभी 51 शक्तिपीठों की तीर्थ यात्रा करना असंभव है। इसलिए त्रिपुरा सरकार यहां सभी 51 शक्तिपीठों की सटीक प्रतिकृतियां बना रही है जिससे श्रद्धालुओं को एक ही परिसर में 51 शक्तिपीठों के दर्शन सुलभ हो सकेंगे।

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