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तिरुवनंतपुरम में श्री अरबिंदो पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 9 मार्च को

तिरुवनंतपुरम, 07 मार्च : भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद (आईसीपीआर) के सदस्य सचिव प्रोफेसर सच्चिदानंद मिश्रा केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में नौ मार्च को ‘हमारे समय में श्री अरबिंदो की प्रासंगिकता’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे।

श्री अरबिंदो की 150 वीं जयंती के उपलक्ष में आयोजित होने वाली दो दिवसीय संगोष्ठी भारतीय विचार केंद्र द्वारा भारतीय दर्शनशास्त्र अनुसंधान परिषद (आईसीपीआर), शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।

श्री अरबिंदो के जीवन और उनकी शिक्षाओं के महत्व को सामने लाने के उद्देश्य से इस संगोष्ठी में ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद मोहंती, मनोनमनीयम सुदरानार विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. पी.सेनराय पेरुमल, केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान, चेन्नई के पोस्ट डॉक्टरल फेलो डॉ ए राजलक्ष्मी भाग लेंगे। इसके अलावार पंजाब विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) प्रो सुधीर कुमार, मदुरै कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आर सुब्रमणि, डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ की सहायक प्रोफेसर डॉ निष्ठा सक्सेना, मुंबई विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग की प्रोफेसर डॉ. प्रिया एम वैद्य, निदेशक मानव विज्ञान केंद्र, ऋषिहुड विश्वविद्यालय, हरियाणा के प्रो सम्पदानंद मिश्रा, एनआईटी गोवा की अंग्रेजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सरानी घोषाल मंडल, स्वामी निस्वंबलानंद गर्ल्स कॉलेज, भद्रकाली, हुगली पश्चिम बंगाल के अंग्रेजी की सहायक प्रोफेसर डॉ रीमा घोष तथा पश्चिम बंगाल के डॉ नीलेश मरिक भी संगोष्ठी में शामिल होंगे।

भारतीय विचार केंद्रम के निदेशक आर संजयन ने कहा, “प्रस्तावित संगोष्ठी राष्ट्रीय आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में श्री अरबिंदो के योगदान, भारतीय पुनर्जागरण और श्री अरबिंदो, श्री अरबिंदो की सामाजिक-राजनीतिक दृष्टि, मानवता के विकास के लिए श्री अरबिंदो की दृष्टि, प्राचीन भारतीय शास्त्रों और इसकी समकालीन प्रासंगिकता पर श्री अरबिंदो की टिप्पणियां, मानव एकता के लिए श्री अरबिंदो की दृष्टि, एक रचनात्मक कलाकार के रूप में श्री अरबिंदो विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगी। “

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